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उत्तर प्रदेश सरकार फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी बनाएगी : योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में पिछले दो वर्ष में अपराध रोकने पर काम हुआ है और साइबर अपराध से निपटने के लिए हर रेंज स्तर पर एक-एक साइबर थाना और फॉरेंसिक सेंटर खोला जा रहा है। प्रदेश सरकार अब अपना फॉरेंसिक विश्विविद्यालय भी स्थापित करेगी। मुख्यमंत्री ने राजधानी में गोमती नगर स्थित पुलिस मुख्यालय में 'साइबर क्राइम और महिला-बाल अपराध विवेचना' कार्यशाला के उद्घाटन के दौरान यह बात कही।
उन्होंने कहा, "महिला-बालिकाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए बेहतर काम किया गया। 6 माह में दंड दिलाने के मामले में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर आया है। महिला और बालिकाओं के प्रति हो रहे अपराध से निपटने के लिए सरकार राज्य में 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित कर रही है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार का अपना एक फॉरेंसिक विश्विविद्यालय भी स्थापित किया जाएगा।"
मुख्यमंत्री ने कहा, "सुशासन की ठोस नींव कानून के राज पर ही स्थापित हो सकती है। अगर कानून का राज नहीं है, तो सुशासन की परिकल्पना ही अपने आप में बेईमानी है। इसलिए हम सभी को इस पर फोकस करना होगा। अपराधियों के मन में कानून का भय होगा तो स्वभाविक रूप से अपराध कम होंगे।"
योगी ने कहा, "पिछले दो साल में इस दिशा में बेहतर काम हुआ है। दो साल पहले मैंने यह पता लगाने के लिए एक समिति बनाई थी कि क्या महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराधों की भी समयबद्ध जांच हो रही है? जांच में सामने आया कि जनपद स्तर पर समन्वय की कमी है। अपराधी गिरफ्तार हो रहा है, समय से चार्जशीट दाखिल हो रहा है, लेकिन वर्षो से मामले लंबित पड़े हैं।"
उन्होंने कहा कि अगर अभियोजन समय पर किया जाता है तो आरोपी को जल्द ही सजा हो सकती है। दोषी अपराधियों को सजा दिलवाने में विवेचना-अभियोजन के बीच तालमेल बेहतर होना चाहिए। अपराध बढ़ने पर कानून को भी सख्त होना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, "समय से मिला हुआ न्याय ही न्याय कहलाता है। अंतर विभागीय समन्वय से दोषियों के खिलाफ बेहतर कार्रवाई हो सकती है। जिला जज के साथ डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बैठकर पॉस्को के मामले की वरीयता तय करें। इससे एक अपराधी को समय से दंड दिलवाया जा सकता है।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कहा, "अभियोजन को लेकर मॉनिटरिंग लगातार की जा रही है। पॉस्को के मामलों की लगातार सुनवाई की जा रही है। ई-प्रणाली लागू करने के लिए टैब-लैपटॉप दिए जा रहे हैं।
डीजीपी ओ.पी. सिंह ने कहा, "पॉस्को मामले में 13 जनपदों में गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया गया। औरैया में 28, झांसी में 81 में दिनों में पॉस्को मामले में सजा दिलवाई गई है।"
--आईएएनएस
उन्होंने कहा, "महिला-बालिकाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए बेहतर काम किया गया। 6 माह में दंड दिलाने के मामले में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर आया है। महिला और बालिकाओं के प्रति हो रहे अपराध से निपटने के लिए सरकार राज्य में 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित कर रही है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार का अपना एक फॉरेंसिक विश्विविद्यालय भी स्थापित किया जाएगा।"
मुख्यमंत्री ने कहा, "सुशासन की ठोस नींव कानून के राज पर ही स्थापित हो सकती है। अगर कानून का राज नहीं है, तो सुशासन की परिकल्पना ही अपने आप में बेईमानी है। इसलिए हम सभी को इस पर फोकस करना होगा। अपराधियों के मन में कानून का भय होगा तो स्वभाविक रूप से अपराध कम होंगे।"
योगी ने कहा, "पिछले दो साल में इस दिशा में बेहतर काम हुआ है। दो साल पहले मैंने यह पता लगाने के लिए एक समिति बनाई थी कि क्या महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराधों की भी समयबद्ध जांच हो रही है? जांच में सामने आया कि जनपद स्तर पर समन्वय की कमी है। अपराधी गिरफ्तार हो रहा है, समय से चार्जशीट दाखिल हो रहा है, लेकिन वर्षो से मामले लंबित पड़े हैं।"
उन्होंने कहा कि अगर अभियोजन समय पर किया जाता है तो आरोपी को जल्द ही सजा हो सकती है। दोषी अपराधियों को सजा दिलवाने में विवेचना-अभियोजन के बीच तालमेल बेहतर होना चाहिए। अपराध बढ़ने पर कानून को भी सख्त होना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, "समय से मिला हुआ न्याय ही न्याय कहलाता है। अंतर विभागीय समन्वय से दोषियों के खिलाफ बेहतर कार्रवाई हो सकती है। जिला जज के साथ डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बैठकर पॉस्को के मामले की वरीयता तय करें। इससे एक अपराधी को समय से दंड दिलवाया जा सकता है।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कहा, "अभियोजन को लेकर मॉनिटरिंग लगातार की जा रही है। पॉस्को के मामलों की लगातार सुनवाई की जा रही है। ई-प्रणाली लागू करने के लिए टैब-लैपटॉप दिए जा रहे हैं।
डीजीपी ओ.पी. सिंह ने कहा, "पॉस्को मामले में 13 जनपदों में गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया गया। औरैया में 28, झांसी में 81 में दिनों में पॉस्को मामले में सजा दिलवाई गई है।"
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