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डॉ. सिन्हा ने पहले अमेरिका के न्यूजर्सी स्थित एक सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी की। फिर अपने इलाके के काफी लोगों को कोलंबो, सिंगापुर, इंडोनेशिया, दुबई आदि देशों में भेजने में मदद की। इनकी देखादेखी मुस्लिम बिरादरी के लोगों ने भी प्रयास कर अपने काम के लोगों को विदेश की धरती पर रोजगार दिलवाना शुरू किया।
अमेरिका के न्यूजर्सी में डॉ. सिन्हा की अब खुद की सॉफ्टवेयर कंपनी है। जगदीशपुर कटरा के मोहम्मद वसीम सीरिया के दमिश्क में रेस्तरां चला रहे हैं। भगोहर के निसार समेत तीन भाई सऊदी अरब में हेयर कटिंग का काम कर रहे हैं। ये नाम तो महज बानगी भर हैं। वजीरगंज विकास खंड के लगभग दो सौ से अधिक लोगों ने जीवकोपार्जन के लिए सात समंदर पार के देशों को चुना है। करीब आधा दर्जन से अधिक देशों में इन हिंदुस्तानी हाथों का हुनर सिर चढ़कर बोल रहा है।
वजीरगंज का गौरिया गांव रोल मॉडल बन गया है। इस गांव के 30 लोग विदेश में एक मजरा बना चुके हैं और अपने-अपने हुनर का लोहा मनवा रहे हैं और देश में विदेशी मुद्रा भेजकर आर्थिक बल प्रदान करने में जुटे हुए हैं।
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