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केन्द्रीय मंत्री महेश शर्मा को ब्लैकमेल मामले में चौथी आरोपी भी गिरफ्तार
नोएडा। पुलिस ने समाजसेवी उषा ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया है। इन पर केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा को ब्लैकमेल कर 10 करोड़ रुपए उगाने का आरोप है। इस कांड में यह चौथी गिरफ्तारी बताई जा रही है।
पुलिस ने बताया कि प्रतिनिधि चैनल के मालिक आलोक व उषा ठाकुर ने मिलकर केन्द्रीय मंत्री महेश शर्मा के खिलाफ साजिश रची थी। उषा को उनके निवास स्थल से गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद कोतवाली सेक्टर-20 पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
पुलिस ने बताया कि 21 अप्रेल को ब्लैकमेल करने के मामले का फंडाफोड हुआ था। जब प्रतिनिधि चैनल के मालिक आलोक कुमार की साथी नीशू ने कैलाश अस्पताल पहुंचकर डॉ. महेश शर्मा से 10 करोड़ रुपए की मांग रखी थी।
केंद्रीय मंत्री ने इसकी सूचना एसएसपी को दे दी। इसके बाद एसएसपी समेत अन्य अधिकारियों ने कैलाश अस्पताल जाकर नीशू को गिरफ्तार करके उषा को हिरासत में ले लिया गया था लेकिन आधी रात को उषा को छोड़ दिया गया था। जांच में यह सामने आया कि आलोक ने उषा के माध्यम से केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की थी।
इसी बीच आलोक ने कोई वीडियो बना लिया था। इसका माध्यम बनाकर वह मंत्री को ब्लैकमेल कर रहा था। इसके बाद में आलोक व उसकी दूसरी साथी निशा को कोलकाता से गिरफ्तारी किया गया था। पुलिस ने जांच की तो उषा की भूमिका भी सामने आ गई कि वे पैसे की योजना मिलकर बनाई गई थी। इसमें आलोक कुमार चेहरा था और पर्दे के पीछे उषा थीं।
इस मामले में अब तक चैनल मालिक आलोक, महिला पत्रकार नीशू, निशा, उषा ठाकुर की गिरफ्तारी हो चुकी है। एक पूर्व डिप्टी एसपी की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है है।
पुलिस ने बताया कि प्रतिनिधि चैनल के मालिक आलोक व उषा ठाकुर ने मिलकर केन्द्रीय मंत्री महेश शर्मा के खिलाफ साजिश रची थी। उषा को उनके निवास स्थल से गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद कोतवाली सेक्टर-20 पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
पुलिस ने बताया कि 21 अप्रेल को ब्लैकमेल करने के मामले का फंडाफोड हुआ था। जब प्रतिनिधि चैनल के मालिक आलोक कुमार की साथी नीशू ने कैलाश अस्पताल पहुंचकर डॉ. महेश शर्मा से 10 करोड़ रुपए की मांग रखी थी।
केंद्रीय मंत्री ने इसकी सूचना एसएसपी को दे दी। इसके बाद एसएसपी समेत अन्य अधिकारियों ने कैलाश अस्पताल जाकर नीशू को गिरफ्तार करके उषा को हिरासत में ले लिया गया था लेकिन आधी रात को उषा को छोड़ दिया गया था। जांच में यह सामने आया कि आलोक ने उषा के माध्यम से केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की थी।
इसी बीच आलोक ने कोई वीडियो बना लिया था। इसका माध्यम बनाकर वह मंत्री को ब्लैकमेल कर रहा था। इसके बाद में आलोक व उसकी दूसरी साथी निशा को कोलकाता से गिरफ्तारी किया गया था। पुलिस ने जांच की तो उषा की भूमिका भी सामने आ गई कि वे पैसे की योजना मिलकर बनाई गई थी। इसमें आलोक कुमार चेहरा था और पर्दे के पीछे उषा थीं।
इस मामले में अब तक चैनल मालिक आलोक, महिला पत्रकार नीशू, निशा, उषा ठाकुर की गिरफ्तारी हो चुकी है। एक पूर्व डिप्टी एसपी की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है है।
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