Advertisement
निर्यात में यूपी ने दर्ज कराई उपलब्धि, 30 प्रतिशत की हुई वृद्धि

लखनऊ । विभिन्न क्षेत्रों में पहले
पायदान में रहने वाला उत्तर प्रदेश अब निर्यात में भी रिकार्ड बना रहा है।
अप्रैल 2020-2021 से लेकर अप्रैल 2021-2022 के दौरान यूपी का निर्यात
1,07,423.5 करोड़ से बढ़कर 1,40,123.5 करोड़ रुपए हो गया। समग्रता में यह
करीब 30 फीसद की वृद्धि है। इस निर्यात में मुख्य हिस्सा एक जिला, एक
उत्पाद (ओडीओपी) से जुड़े सामानों का है। प्रोजेक्ट्स गुड्स फॉर स्पेशल
पर्पज में 2747 फीसद तक निर्यात बढ़ा है।
जनवरी 2018 में उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस पर लांच की गई मुख्यमंत्री की
फ्लैगशिप योजना ओडीओपी की निर्यात में हिस्सेदारी खुद में उल्लेखनीय है।
यह इस बात का भी संकेत है कि आने वाले समय में ओडीओपी उत्तर प्रदेश की
अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बन सकता है। यही नहीं उत्तर प्रदेश ने वन
ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का जो लक्ष्य रखा है उसमें भी ओडीओपी की महत्वपूर्ण
भूमिका होगी। इसके मद्देनजर काम भी जारी है। मसलन जिलों के उत्पादों के
अनुसार वहां एक ही छत के नीचे इन उत्पादों से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स के
हित के मद्देनजर कॉमन फैसिलिटी सेन्टर बनाए जा रहे हैं। इनमें से 5 तो बनकर
तैयार हैं। कुछ जल्दी ही बनकर तैयार हो जाएंगे। कुछ जिलों के सीएफसी का
शीघ्र लोकार्पण भी होना है।
ओडीओपी की संभावनाओं के ही मद्देनजर सरकार ने अगले 5 साल में इसके निर्यात और इससे सृजन होने वाले रोजगार का लक्ष्य दोगुना रखा है। मालूम हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल में ओडीओपी से करीब 25 लाख लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार/स्वरोजगार मिला था। योगी सरकार 2.0 का लक्ष्य अगले पांच सालों में निर्यात के साथ साथ रोजगार अथवा स्वरोजगार के अवसर को दोगुना करने का है।
एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार ओडीओपी के जरिए अगले 5 साल में ओडीओपी उत्पादों का निर्यात एवं रोजगार/स्वरोजगार के अवसरों को दोगुना करने का नियोजित प्रयास जारी है। कुछ जिलों में दूसरे उत्पादों को भी ओडीओपी योजना के तहत चुना गया है। ओडीओपी से जुड़े सभी हितधारकों के मद्देनजर ऐसे सभी जिलों में सीएफसी बनने हैं। 5 बनकर तैयार हैं। कुछ निर्माणाधीन हैं। कुछ मंजूरी की प्रक्रिया मे हैं। ओडीओपी के उत्पाद राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय बाजार में दाम और गुणवत्ता में प्रतिस्पर्धी हों इसके लिए चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण का काम भी जारी है।
--आईएएनएस
ओडीओपी की संभावनाओं के ही मद्देनजर सरकार ने अगले 5 साल में इसके निर्यात और इससे सृजन होने वाले रोजगार का लक्ष्य दोगुना रखा है। मालूम हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल में ओडीओपी से करीब 25 लाख लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार/स्वरोजगार मिला था। योगी सरकार 2.0 का लक्ष्य अगले पांच सालों में निर्यात के साथ साथ रोजगार अथवा स्वरोजगार के अवसर को दोगुना करने का है।
एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार ओडीओपी के जरिए अगले 5 साल में ओडीओपी उत्पादों का निर्यात एवं रोजगार/स्वरोजगार के अवसरों को दोगुना करने का नियोजित प्रयास जारी है। कुछ जिलों में दूसरे उत्पादों को भी ओडीओपी योजना के तहत चुना गया है। ओडीओपी से जुड़े सभी हितधारकों के मद्देनजर ऐसे सभी जिलों में सीएफसी बनने हैं। 5 बनकर तैयार हैं। कुछ निर्माणाधीन हैं। कुछ मंजूरी की प्रक्रिया मे हैं। ओडीओपी के उत्पाद राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय बाजार में दाम और गुणवत्ता में प्रतिस्पर्धी हों इसके लिए चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण का काम भी जारी है।
--आईएएनएस
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
लखनऊ
उत्तर प्रदेश से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement
Traffic
Features
