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भाजपा में बगावती सुर का असर, प्रचार के लिए नहीं आएगा कोई भी केंद्रीय मंत्री
अमरीश मनीष शुक्ला,इलाहाबाद।
इलाहाबाद के फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में दावेदारों के बगावती सुर को देखते
हुए केंद्रीय संगठन ने बड़ा फैसला लिया है। भाजपा का कोई भी केंद्रीय
मंत्री अब फूलपुर के उप चुनाव में प्रचार प्रसार के लिए नहीं आएगा। ऐसा
इसलिए किया जाएगा कई बगावती सुर वाले दावेदारों की नजदीकी केंद्रीय
मंत्रियों से हैं। ऐसे में स्थिति डामाडोल न हो और अनुशासन बना रहे इसलिये
केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव में प्रचार के लिए ना बुलाने का फैसला लिया
गया है।
विधानसभा चुनाव में हुई थी फजीहत
याद दिला दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान सोरांव विधानसभा सीट गठबंधन वाले दल अपना दल को मिली थी, लेकिन बगावती सुर व बड़े नेताओं से संबंध के चलते यहां सुरेंद्र चौधरी भाजपा से प्रत्याशी बन गये और अपना दल प्रत्याशी के सामने हो गए। तब अनुप्रिया पटेल ने गठबंधन तोड़ने और भाजपा के खिलाफ अन्य सीटों पर प्रत्याशी उतारने की धमकी तक दे डाली थी। बात बिगड़ती गयी और भाजपा से सुरेंद्र चौधरी और अपना दल से जमुना प्रसाद सरोज ने नामांकन कर दिया था। सुरेंद्र चौधरी केशव प्रसाद मौर्य के बेहद नजदीकी थे इस वजह से उनके नाम की घोषणा हो गई थी। उन्होंने भाजपा के सिंबल पर ही नामांकन कर दिया था और उन्हें चुनाव चिन्ह के तौर पर कमल का फूल मिल गया था।
चली थी गोली और हुई थी किरकिरी
बात आगे बढ़ी तो सुरेंद्र चौधरी व जमुना प्रसाद सरोज के बीच विवाद खड़ा हो गया। आपसी रंजिश में गोली चली और मारपीट के बाद मामला थाने तक पहुंच गया। जब भाजपा की किरकिरी होना शुरू हो गई तो केंद्रीय संगठन ने मामले में हस्तक्षेप किया। सुरेंद्र चौधरी की दावेदारी को खारिज कर दी गई और उनका प्रत्याशी से नाम हटा दिया, लेकिन तब तक हाथ से बाजी निकल चुकी थी, सुरेंद्र चौधरी को कमल का निशान आवंटित हो चुका था। बाद में केशव मौर्य ने खुद आकर सुरेंद्र चौधरी को बैक किया और जनता से अपील की थी कि वह कप प्लेट पर वोट करें, गठबंधन के प्रत्याशी को वोट करें। बावजूद इसके चुनाव हुआ तो हजारों लोगों ने कमल के फूल पर वोट दिया था। जबकि यह सीट गठबंधन के खाते में गई थी और यहां पर अपना दल एस के प्रत्याशी जमुना सरोज थे। अंत में कप प्लेट के चुनाव चिन्ह पर लड़े जमुना प्रसाद सरोज की ही जीत हुई थी। फिर से वैसी ही स्थिति लोकसभा चुनाव के दौरान ना हो भाजपा के वोट आपस में ही दावेदारों के बीच ना बट जाए, इसलिए पहले से ही भाजपा फूंक फूंक कर कदम रख रही है।
ये होंगे स्टार प्रचारक
महानगर अध्यक्ष अवधेश गुप्ता ने बताया कि फूलपुर उपचुनाव में कोई भी केंद्रीय मंत्री प्रचार प्रसार में शामिल होने नहीं आएगा। हालांकि अनुप्रिया पटेल स्थानीय नेता होने के कारण प्रचार में शामिल हो सकती हैं। स्टार प्रचारकों की लिस्ट फूलपुर उपचुनाव में जीत के लिए सबसे अधिक जिम्मेदारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर होगी और स्टार प्रचारकों की लिस्ट में इनका नाम सबसे ऊपर है। जबकि इनके साथ केशव प्रसाद मौर्य भी स्टार प्रचारक की भूमिका निभाएंगे। पूर्ण संभावना है की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भी स्टार प्रचारक के तौर पर बुलाया जा सकता है, उनका नाम संभावित सूची में रखा गया है और शाह की हामी के बाद उनका कार्यक्रम भी तय होगा। फिलहाल फूलपुर लोकसभा इलाके में सबसे ज्यादा रैलियां जनसभा केशव मौर्य के करने की उम्मीद है। जबकि अन्य स्टार प्रचारक में भाजपा के यूपी अध्यक्ष डॉ महेंद्र नाथ पांडे, संगठन महामंत्री सुनील बंसल, कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, सिद्धार्थ नाथ सिंह, नंद गोपाल गुप्ता नंदी, अभिलाषा गुप्ता आदि शामिल है।
विधानसभा चुनाव में हुई थी फजीहत
याद दिला दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान सोरांव विधानसभा सीट गठबंधन वाले दल अपना दल को मिली थी, लेकिन बगावती सुर व बड़े नेताओं से संबंध के चलते यहां सुरेंद्र चौधरी भाजपा से प्रत्याशी बन गये और अपना दल प्रत्याशी के सामने हो गए। तब अनुप्रिया पटेल ने गठबंधन तोड़ने और भाजपा के खिलाफ अन्य सीटों पर प्रत्याशी उतारने की धमकी तक दे डाली थी। बात बिगड़ती गयी और भाजपा से सुरेंद्र चौधरी और अपना दल से जमुना प्रसाद सरोज ने नामांकन कर दिया था। सुरेंद्र चौधरी केशव प्रसाद मौर्य के बेहद नजदीकी थे इस वजह से उनके नाम की घोषणा हो गई थी। उन्होंने भाजपा के सिंबल पर ही नामांकन कर दिया था और उन्हें चुनाव चिन्ह के तौर पर कमल का फूल मिल गया था।
चली थी गोली और हुई थी किरकिरी
बात आगे बढ़ी तो सुरेंद्र चौधरी व जमुना प्रसाद सरोज के बीच विवाद खड़ा हो गया। आपसी रंजिश में गोली चली और मारपीट के बाद मामला थाने तक पहुंच गया। जब भाजपा की किरकिरी होना शुरू हो गई तो केंद्रीय संगठन ने मामले में हस्तक्षेप किया। सुरेंद्र चौधरी की दावेदारी को खारिज कर दी गई और उनका प्रत्याशी से नाम हटा दिया, लेकिन तब तक हाथ से बाजी निकल चुकी थी, सुरेंद्र चौधरी को कमल का निशान आवंटित हो चुका था। बाद में केशव मौर्य ने खुद आकर सुरेंद्र चौधरी को बैक किया और जनता से अपील की थी कि वह कप प्लेट पर वोट करें, गठबंधन के प्रत्याशी को वोट करें। बावजूद इसके चुनाव हुआ तो हजारों लोगों ने कमल के फूल पर वोट दिया था। जबकि यह सीट गठबंधन के खाते में गई थी और यहां पर अपना दल एस के प्रत्याशी जमुना सरोज थे। अंत में कप प्लेट के चुनाव चिन्ह पर लड़े जमुना प्रसाद सरोज की ही जीत हुई थी। फिर से वैसी ही स्थिति लोकसभा चुनाव के दौरान ना हो भाजपा के वोट आपस में ही दावेदारों के बीच ना बट जाए, इसलिए पहले से ही भाजपा फूंक फूंक कर कदम रख रही है।
ये होंगे स्टार प्रचारक
महानगर अध्यक्ष अवधेश गुप्ता ने बताया कि फूलपुर उपचुनाव में कोई भी केंद्रीय मंत्री प्रचार प्रसार में शामिल होने नहीं आएगा। हालांकि अनुप्रिया पटेल स्थानीय नेता होने के कारण प्रचार में शामिल हो सकती हैं। स्टार प्रचारकों की लिस्ट फूलपुर उपचुनाव में जीत के लिए सबसे अधिक जिम्मेदारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर होगी और स्टार प्रचारकों की लिस्ट में इनका नाम सबसे ऊपर है। जबकि इनके साथ केशव प्रसाद मौर्य भी स्टार प्रचारक की भूमिका निभाएंगे। पूर्ण संभावना है की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भी स्टार प्रचारक के तौर पर बुलाया जा सकता है, उनका नाम संभावित सूची में रखा गया है और शाह की हामी के बाद उनका कार्यक्रम भी तय होगा। फिलहाल फूलपुर लोकसभा इलाके में सबसे ज्यादा रैलियां जनसभा केशव मौर्य के करने की उम्मीद है। जबकि अन्य स्टार प्रचारक में भाजपा के यूपी अध्यक्ष डॉ महेंद्र नाथ पांडे, संगठन महामंत्री सुनील बंसल, कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, सिद्धार्थ नाथ सिंह, नंद गोपाल गुप्ता नंदी, अभिलाषा गुप्ता आदि शामिल है।
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