Advertisement
आज से इलाहाबाद का नाम हुआ प्रयागराज, UP कैबिनेट ने दी मंजूरी
लखनऊ। यूपी कैबिनेट की बैठक में एक बार फिर से बडा निर्णय लिया गया है। इस बैठक में इलाहाबाद का नाम बदल दिया गया है। अब इलाहाबाद का नया नाम प्रयागराज हो गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सभी मंत्रियों को इस बात का नोट भेज दिया गया है।
आपको बता दें कि यूपी सरकार कुंभ मेले से पहले ही इलाहाबाद का नाम बदलने पर गंभीरता से विचार कर रही है। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि संत लगातार इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयाग करने की मांग उठा रहे थे।
कुंभ मार्गदर्शक मंडल की बैठक में भी यह मुद्दा प्रमुखता से उठा था। बैठक की अध्यक्षता कर रहे राज्यपाल रामनाईक ने भी इस पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि जहां दो नदियों का मिलन होता है, उसे प्रयाग कहा जाता है। उत्तराखंड में देवप्रयाग, कर्णप्रयाग और विष्णुप्रयाग हैं।
इलाहाबाद में भी देवभूमि से निकलने वाली दो पवित्र नदियां मिलती हैं इसलिए इसे प्रयागराज कहा जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही औपचारिकताएं पूरी कर इलाहाबाद का नाम प्रयागराज कर देगी।
मार्कण्डेय काटजू ने दिया अन्य शहरों के भी नाम बदलने का सुझाव...
वहीं दूसरी और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कई अन्य शहरों के भी नाम बदलने का सुझाव दिया है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि बाबर की औलादों के नामों से मुक्ति के लिए फैजाबाद का नरेन्द्र मोदीपुर और मुरादाबाद का नाम मनकीबातनगर, कर दिया जाए। उन्होंने फतेहपुर का नाम अमित शाह नगर करने का सुझाव भी दिया है। उन्होंने कई अन्य नगरों के नए नाम सुझाए हैं।
बीजेपी ने जहां सरकार के इस कदम का स्वागत किया है वहीं कांग्रेस और समाजवादी पार्टी इसके विरोध में हैं। यूपी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने भी कहा कि नाम बदलने से हालात नहीं बदलने वाले हैं।
आपको बता दें कि यूपी सरकार कुंभ मेले से पहले ही इलाहाबाद का नाम बदलने पर गंभीरता से विचार कर रही है। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि संत लगातार इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयाग करने की मांग उठा रहे थे।
कुंभ मार्गदर्शक मंडल की बैठक में भी यह मुद्दा प्रमुखता से उठा था। बैठक की अध्यक्षता कर रहे राज्यपाल रामनाईक ने भी इस पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि जहां दो नदियों का मिलन होता है, उसे प्रयाग कहा जाता है। उत्तराखंड में देवप्रयाग, कर्णप्रयाग और विष्णुप्रयाग हैं।
इलाहाबाद में भी देवभूमि से निकलने वाली दो पवित्र नदियां मिलती हैं इसलिए इसे प्रयागराज कहा जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही औपचारिकताएं पूरी कर इलाहाबाद का नाम प्रयागराज कर देगी।
मार्कण्डेय काटजू ने दिया अन्य शहरों के भी नाम बदलने का सुझाव...
वहीं दूसरी और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कई अन्य शहरों के भी नाम बदलने का सुझाव दिया है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि बाबर की औलादों के नामों से मुक्ति के लिए फैजाबाद का नरेन्द्र मोदीपुर और मुरादाबाद का नाम मनकीबातनगर, कर दिया जाए। उन्होंने फतेहपुर का नाम अमित शाह नगर करने का सुझाव भी दिया है। उन्होंने कई अन्य नगरों के नए नाम सुझाए हैं।
बीजेपी ने जहां सरकार के इस कदम का स्वागत किया है वहीं कांग्रेस और समाजवादी पार्टी इसके विरोध में हैं। यूपी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने भी कहा कि नाम बदलने से हालात नहीं बदलने वाले हैं।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
लखनऊ
उत्तर प्रदेश से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement