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यूपी सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिये खोला खजाना, सपा से ज्यादा लाभ देने का दावा
लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि चार साल के कार्यकाल में जितना लाभ अल्पसंख्यकों को मिला है, उतना सपा सरकार के पांच साल या पिछली किसी और सरकार के कार्यकाल में नहीं मिला था। योगी सरकार ने केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं के अलावा अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण के लिए कमजोर वर्गों को पिछली सरकारों से 68,402 करोड़ ज्यादा धनराशि दी है, ताकि वह भी समाज की मुख्य धारा से जुड़कर जीवन यापन कर सकें। मुख्यमंत्री योगी अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं की लगातार समीक्षा करते हैं। इसीलिए उन्होंने अपने बजट में हर साल अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए हजारों करोड़ रुपए दिए हैं। उन्होंने हाल ही में विधान परिषद में बजट पर चर्चा के दौरान कहा था कि प्रदेश में अल्पसंख्यकों की आबादी 17 से 19 फीसदी है और अल्पसंख्यक समाज को योजनाओं का लाभ 30 से 35 फीसदी मिल रहा है। उन्होंने अपनी सरकार की विभिन्न योजनाओं को गिनाते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री आवास, सौभाग्य, उज्जवला, खाद्यान्न योजना, आयुष्मान भारत या मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना सहित किसी भी योजना में आप जाएंगे, तो आप पाएंगे, आबादी के हिसाब से देखेंगे, तो अल्पसंख्यक समाज को उससे कई गुना ज्यादा लाभ मिल रहा है।
प्रदेश में 21 जिले बदायूं, बागपत, बहराइच, बलरामपुर, बाराबंकी, बरेली, बिजनौर, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, अमरोहा, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शाहजहांपुर, श्रावस्ती और सिद्धार्थनगर अल्पसंख्यक बाहुल्य के रूप में चिह्न्ति हैं। इन जिलों में वित्त वर्ष 2020-21 में दिसंबर तक अल्पसंख्यक समुदाय के 12,26,499 लोगों को 21,406.04 करोड़ दिए गए हैं, जो कुल प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत दिए गए लोन का क्रमश: 12.015 (खाते) और 14.44 फीसदी (धनराशि) है। जबकि पूरे प्रदेश में प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत एक करोड़ 57 लाख 59 हजार 712 कमजोर वर्गों को कुल 369270 करोड़ दिए गए हैं।
अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण की योजनाओं को प्रधानमंत्री के 15 सूत्रीय कार्यक्रम में भी शामिल किया गया है। इन समुदायों को प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत कमजोर वर्गों के लिए अलग-अलग श्रेणी में लोन देने के लिए वर्गीकृत किया गया है। साथ ही इन्हें प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत कुल लोन का 15 प्रतिशत तक देने के निर्देश हैं। जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में दिसंबर तक बैंकों ने पूरे प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय के 20,34,654 लोगों को 53,325.88 करोड़ दिए गए हैं, जो कुल प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत दिए गए लोन का क्रमश: 24.43 फीसदी (खाते) और 20.07 फीसदी (धनराशि) है।
प्रदेश में 21 जिले बदायूं, बागपत, बहराइच, बलरामपुर, बाराबंकी, बरेली, बिजनौर, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, अमरोहा, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शाहजहांपुर, श्रावस्ती और सिद्धार्थनगर अल्पसंख्यक बाहुल्य के रूप में चिह्न्ति हैं। इन जिलों में वित्त वर्ष 2020-21 में दिसंबर तक अल्पसंख्यक समुदाय के 12,26,499 लोगों को 21,406.04 करोड़ दिए गए हैं, जो कुल प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत दिए गए लोन का क्रमश: 12.015 (खाते) और 14.44 फीसदी (धनराशि) है। जबकि पूरे प्रदेश में प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत एक करोड़ 57 लाख 59 हजार 712 कमजोर वर्गों को कुल 369270 करोड़ दिए गए हैं।
अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण की योजनाओं को प्रधानमंत्री के 15 सूत्रीय कार्यक्रम में भी शामिल किया गया है। इन समुदायों को प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत कमजोर वर्गों के लिए अलग-अलग श्रेणी में लोन देने के लिए वर्गीकृत किया गया है। साथ ही इन्हें प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत कुल लोन का 15 प्रतिशत तक देने के निर्देश हैं। जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में दिसंबर तक बैंकों ने पूरे प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय के 20,34,654 लोगों को 53,325.88 करोड़ दिए गए हैं, जो कुल प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत दिए गए लोन का क्रमश: 24.43 फीसदी (खाते) और 20.07 फीसदी (धनराशि) है।
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