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UP Jal Satyagraha : जल सत्याग्रहियों की नाव दुर्घटना के मृतकों को श्रद्धांजलि
बिजनौर। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बिजनौर (Bijnore District Of Uttar Pradesh) में अस्थायी पुल (Demand A Bridge) और तटबंध बनाने की मांग को लेकर पिछले पांच दिनों से सत्याग्रह कर रहे गंगा नदी (Rivers Of Ganga) के किनारे बसे 25 गांवों के निवासियों ने पिछले साल 24 अगस्त को हुई एक नाव दुर्घटना में मारे गए लोगों को शनिवार को श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि के तौर पर सत्याग्रहियों ने नाव दुर्घटना में मारी गईं 10 महिलाओं की तस्वीरें ले रखी थीं। इनकी मौत नाव के नदी में पलटने से हुई थी।
बिजनौर के दैबलगढ़ क्षेत्र के किसान लंबे समय से अपने गांव और खेतों को जोड़ने के लिए एक पुल की मांग करते आ रहे हैं लेकिन उनकी मांग किसी ने नहीं सुनी। पिछले साल की दुर्घटना को लेकर भी प्रशासन का रवैया उदासीन रहने के बाद, इन लोगों का कहना है कि इन्हें 'जल सत्याग्रह' करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
दैबलगढ़ गांव में विरोध प्रदर्शन के तहत करीब 100 ग्रामीण प्रतिदिन नदी में घुटने भर पानी में खड़े होते हैं।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शनिवार को दैबलगढ़ का दौरा किया और सत्याग्रहियों को समर्थन देने के साथ ही नौका दुर्घटना का शिकार हुईं महिलाओं को श्रद्धांजलि भी दी।
मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा, "इन महिलाओं का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। आंदोलन तब तक चलेगा जब तक एक अस्थायी पुल और नदी के किनारे एक तटबंध बनाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो जाती।"
इस बीच, जिला प्रशासन ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि उनकी मांग अक्टूबर में जल स्तर की कमी के बाद पूरी की जाएगी, लेकिन आंदोलनकारियों ने सत्याग्रह खत्म करने से मना कर दिया।
बिजनौर के दैबलगढ़ क्षेत्र के किसान लंबे समय से अपने गांव और खेतों को जोड़ने के लिए एक पुल की मांग करते आ रहे हैं लेकिन उनकी मांग किसी ने नहीं सुनी। पिछले साल की दुर्घटना को लेकर भी प्रशासन का रवैया उदासीन रहने के बाद, इन लोगों का कहना है कि इन्हें 'जल सत्याग्रह' करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
दैबलगढ़ गांव में विरोध प्रदर्शन के तहत करीब 100 ग्रामीण प्रतिदिन नदी में घुटने भर पानी में खड़े होते हैं।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शनिवार को दैबलगढ़ का दौरा किया और सत्याग्रहियों को समर्थन देने के साथ ही नौका दुर्घटना का शिकार हुईं महिलाओं को श्रद्धांजलि भी दी।
मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा, "इन महिलाओं का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। आंदोलन तब तक चलेगा जब तक एक अस्थायी पुल और नदी के किनारे एक तटबंध बनाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो जाती।"
इस बीच, जिला प्रशासन ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि उनकी मांग अक्टूबर में जल स्तर की कमी के बाद पूरी की जाएगी, लेकिन आंदोलनकारियों ने सत्याग्रह खत्म करने से मना कर दिया।
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