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स्थानीय ज्ञान-विज्ञान को भी नई पीढ़ी तक पहुंचायें विश्वविद्यालय - राज्यपाल
जयपुर। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ सूचनाएं और जानकारी प्रदान करना नहीं है बल्कि व्यक्ति में विवेक का विकास करना है। उन्होंने कहा कि व्यापक सांस्कृतिक दृष्टिकोण पर आधारित शिक्षा से ही विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास संभव है।
राज्यपाल मिश्र शुक्रवार को यहां राजभवन से राजऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय, अलवर के द्वितीय दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर वर्चुअल संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थान की संस्कृति उस स्थान को जीवन्त रखते हुए भविष्य की नवीन राहों का निर्माण करती है। इसलिए उस क्षेत्र से जुड़े स्थानीय ज्ञान-विज्ञान को वर्तमान संदर्भाें के अनुरूप नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए विश्वविद्यालयों को प्रयास करने चाहिए।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि अलवर जिले की सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत काफी संपन्न रही है जिसे आगे बढ़ाते हुए मत्स्य विश्वविद्यालय को राजऋषि भर्तृहरि के शतक काव्यों और वाक्यपदीय ग्रंथों पर शोध की पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पदक प्राप्त करने वालों में छात्रों से अधिक संख्या छात्राओं की रही। अकादमिक क्षेत्र में बेटियों को सफल होते देखना सुकून देता है क्यांेकि एक बेटी यदि शिक्षित होती है तो दो परिवार पढ़-लिखकर आगे बढ़ते हैं।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि युवा संविधान की मूल भावनाओं को समझें और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं, इसके लिए उन्होंने प्रदेश के विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क की स्थापना की पहल की है। उन्होंने कहा कि संविधान हमारा मार्गदर्शक मूलग्रंथ है जिसके बारे में सभी को जागरूक होना ही चाहिए।
राज्यपाल मिश्र शुक्रवार को यहां राजभवन से राजऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय, अलवर के द्वितीय दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर वर्चुअल संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थान की संस्कृति उस स्थान को जीवन्त रखते हुए भविष्य की नवीन राहों का निर्माण करती है। इसलिए उस क्षेत्र से जुड़े स्थानीय ज्ञान-विज्ञान को वर्तमान संदर्भाें के अनुरूप नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए विश्वविद्यालयों को प्रयास करने चाहिए।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि अलवर जिले की सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत काफी संपन्न रही है जिसे आगे बढ़ाते हुए मत्स्य विश्वविद्यालय को राजऋषि भर्तृहरि के शतक काव्यों और वाक्यपदीय ग्रंथों पर शोध की पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पदक प्राप्त करने वालों में छात्रों से अधिक संख्या छात्राओं की रही। अकादमिक क्षेत्र में बेटियों को सफल होते देखना सुकून देता है क्यांेकि एक बेटी यदि शिक्षित होती है तो दो परिवार पढ़-लिखकर आगे बढ़ते हैं।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि युवा संविधान की मूल भावनाओं को समझें और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं, इसके लिए उन्होंने प्रदेश के विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क की स्थापना की पहल की है। उन्होंने कहा कि संविधान हमारा मार्गदर्शक मूलग्रंथ है जिसके बारे में सभी को जागरूक होना ही चाहिए।
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