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विविधता में एकता हमारे राष्ट्र की पहचान है, जो एक बहुल समाज और संस्कृतियों का भंडार : भागवत

khaskhabar.com : बुधवार, 18 सितम्बर 2019 6:54 PM (IST)
विविधता में एकता हमारे राष्ट्र की पहचान है, जो एक बहुल समाज और संस्कृतियों का भंडार : भागवत
शिमला। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक (प्रमुख) मोहन भागवत ने कहा कि विविधता में एकता हमारे राष्ट्र की पहचान है, जो एक बहुल समाज और संस्कृतियों का भंडार है। वह आज सोलन में श्रीकृष्ण मंदिर का उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे।
भागवत ने कहा कि भारतीय सभ्यता, पाँच हजार वर्षों पुरानी है और विविधता में एकता के सह-अस्तित्व की विशिष्ट विशेषता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि धर्म वास्तविकता में एकता का एकीकृत दृष्य प्रदान करता हैं क्योंकि भगवान एक हैं और उनके द्वारा बनाई गई वास्तविकता, एकता और अखंडता का प्रतीक है। धर्म का उद्देश्य मानवता को एकजुट करना है और मानव जाति की सेवा ईश्वर की सेवा है। उन्होंने कहा कि हममें से प्रत्येक को अपने समाज और राष्ट्र के विकास के लिए ईमानदारी और समर्पण के साथ कार्य करना चाहिए। क्योंकि यह कर्म ही है जो हमें धर्म की ओर प्रेरित करता है।
उन्होंने कहा कि भागवत गीता हमें बिना फल की चिंता किए अपने कर्तव्य का पालन समर्पण और परिश्रम के साथ करने का उपदेश देती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सोलन में निर्मित श्रीकुष्ण मंदिर न केवल पूजा के लिए, बल्कि समाज के कल्याण के लिए भी एक उपयुक्त स्थान होगा।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने इस अवसर पर राज्य में श्री भागवत का स्वागत करते हुए कहा कि भारत विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों और भाषाओं का प्रदेश है। यहां विभिन्न जातियों और समुदायों के लोगों ने कई कठिनाइयों के बावजूद एकता और सामंजस्य को बरकरार रखा है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि धर्म समाज के हर वर्ग को एकजुट बनाए रखने वाली एक आलोकिक शक्ति है। आज के आधुनिक युग में, हमें अपने धर्म और संस्कृति को बनाए रखने के लिए हरं संभव प्रयास करने चाहिएए क्योंकि केवल उन्हीं समाजों ने प्रगति की है, जिन्होंने अपनी परम्पराओं और संस्कृति को उचित सम्मान दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मूल्यों और संस्कृति को त्याग कर कोई भी सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। जीवन्त राष्ट्र के लिए विज्ञान और धर्म को साथ चलना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में भारत विश्व गुरू बनने के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। उनके नेतृत्व में राष्ट्र ने अपनी पुरानी गरिमा प्राप्त की है और विश्व के शक्तिशाली देशों ने भारत के सामथ्र्य को स्वीकारा है। जय राम ठाकुर ने कहा कि शान्तिप्रिय और ईश्वर के प्रति आस्था रखने वाले लोगों के कारण हिमाचल प्रदेश पूरे विश्व में देवभूमि के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि सोलन में श्रीकृष्ण मन्दिर क्षेत्र के लोगों की धार्मिक आस्था का केन्द्र बनकर उभरेगा।
मुख्यमंत्री ने श्रीकृष्ण वृन्दावन ट्रस्ट को प्रदेश में अपनी गतिविधियों के विस्तार के लिए सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
श्रीकृष्ण वृन्दावन ट्रस्ट के अध्यक्ष राजीव कोहली ने मोहन भागवत, मुख्यमंत्री एवं इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्यों का स्वागत किया। उन्होंने ट्रस्ट की विभिन्न गतिविधियों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। राज्य भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डाॅ. राजीव सैजल, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, पूर्व सांसद वीरेन्द्र कश्यप भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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