Treating Armed Forces and Gatka as equal to occupying Sikh Heritage: Grewal-m.khaskhabar.com
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सिक्ख शस्त्र विद्या एवं गतका को पेटैंट करवाना सिक्ख धरोहर पर कब्जा करने के बराबर:ग्रेेवाल

khaskhabar.com : गुरुवार, 14 मार्च 2019 7:36 PM (IST)
सिक्ख शस्त्र विद्या एवं गतका को पेटैंट करवाना सिक्ख धरोहर पर कब्जा करने के बराबर:ग्रेेवाल
चंडीगढ़। नेशनल गतका एसोसिएशन ऑफ इंडिया (रजि़.) और विश्व गतका फेडरेशन (रजि़.) ने दिल्ली की एक निजी प्रोप्राईटरशिप्प वाली लिमटिड फर्म द्वारा सिक्ख शस्त्र विद्या और गतके के नाम को ट्रेड मार्क कानून के तहत पेटैंट कराने की सख्त निंदा करते हुए कहा कि गतका खेल सिक्ख इतिहास और विरासत के साथ जुड़ी, गुरू साहिबान की तरफ से स्थापित संपूर्ण कौम की गौरवमयी और पुरातन खेल है और कोई भी इस को पेटैंट नहीं करवा सकता।

उक्त संबोधित एक बयान में मंगलवार को यहां नेशनल गतका एसोसिएशन के प्रधान हरजीत सिंह ग्रेवाल, सचिव तेजिंदर सिंह गिल और विश्व गतका फेडरेशन के सचिव बलजीत सिंह ने बताया कि भारतीय कंपनी कानून के अंतर्गत रजिस्टर्ड एक निजी फर्म ने दो नाम - गतका और सिक्ख शस्त्र विद्या, को दिल्ली से ट्रेडमार्क कानून के तहत पेटैंट कराया है जो कि सिक्ख धर्म और सिक्ख इतिहास के साथ भद्दा मज़ाक और पूरी सिक्ख कौम को चुनौती देने के समान है। इस धार्मिक मुद्दे पर संबंधित निजी फर्म को कड़ी चेतावनी देते हुये उच्च स्तर की उक्त संस्थाओं ने गतका और सिक्ख शस्त्र विद्या गतका को ट्रेड मार्क कानून के तहत पेटैंट कराने का उद्देश्य सिक्ख धरोहर पर कब्ज़ा करने के बराबर करार दिया है।

उन्होंने कहा कि यदि इस निजी फर्म ने गतका और सिक्ख शस्त्र विद्या को ट्रेड मार्क कानून के तहत पेटैंट करवाने संबंधी शीघ्र सिक्ख कौम से माफी न मांगी और इन दोनों ट्रेड मार्कों को तुरंत रद्द न करवाया तो कानूनी कार्यवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय पेटैंट (संशोधन) कानून -2005 अनुसार किसी नई खोज या नई तकनीक तैयार होने पर ही पेटैंट करवाया जा सकता है जबकि गतका और सिक्ख शस्त्र विद्या तो पुरातन गुर इतिहास, गुरबानी, सिक्ख सांस्कृति, धर्म और विरासत का अटूट अंग है जिस पर कब्ज़ा करने, इस धरोहर को बेचने या इस के द्वारा पैसा कमाने की इजाजत किसी को भी नहीं दी जा सकती।

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