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कर्ण सिंह ने कहा, अनुच्छेद 35 ए, 370 पर सावधानी बरते मोदी सरकार

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर(Jammu and Kashmir ) के राज्याधिकारी, सदरे रियासत और प्रथम राज्यपाल रहे डॉ. कर्ण सिंह (Dr. Karan Singh)ने कहा कि विलय अंतिम और अटल है मैं इसकी वजूद पर सवाल नहीं उठा रहा हूं। वे चाहते हैं कि प्रदेश से जुड़े संवैधानिक मसलों पर मोदी सरकार को सतर्कता बरतनी चाहिए। आपको बताते जाए कि कर्ण सिंह के पिता महाराजा हरि सिंह उनको प्यार से टाइगर कहकर बुलाते थे। वे 20 जून 1949 को जम्मू-कश्मीर के राज्याधिकारी बने और बाद में 17 नवंबर 1952 से लेकर 30 मार्च 1965 तक सदरे रियासत के पद पर बने रहे। डॉ. कर्ण सिंह 30 मार्च 1965 को जम्मू-कश्मीर के पहले राज्यपाल बने।
देश के नए गृहमंत्री अमित शाह विवादित मसलों का अब हमेशा के लिए समाधान करने की कोशिश में जुटे हैं।
जम्मू-कश्मीर के अंतिम शासक महाराजा हरि सिंह के पुत्र 88 वर्षीय कर्ण सिंह से बातचीत के दौरान उनसे प्रदेश के लिए भावी कार्रवाई को लेकर कई महत्वपूर्ण सवाल किए जो तत्काल मरहम लगाने और मसले का समाधान करने के लिए आवश्यक है।
देश के नए गृहमंत्री अमित शाह विवादित मसलों का अब हमेशा के लिए समाधान करने की कोशिश में जुटे हैं।
जम्मू-कश्मीर के अंतिम शासक महाराजा हरि सिंह के पुत्र 88 वर्षीय कर्ण सिंह से बातचीत के दौरान उनसे प्रदेश के लिए भावी कार्रवाई को लेकर कई महत्वपूर्ण सवाल किए जो तत्काल मरहम लगाने और मसले का समाधान करने के लिए आवश्यक है।
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