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उत्तराखंड में केदारनाथ की पहाडिय़ों पर दिखा बाघ
देहरादून। उत्तराखंड के केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य में लगभग 3,400 मीटर की ऊंचाई पर पहली बार एक बाघ को देखा गया है। आमतौर पर बाघ मैदानी इलाकों में पाए जाते हैं।
केदारनाथ संभागीय वन मंडल अधिकारी (डीएफओ) अमित कंवर ने कहा कि बाघ को हाल ही में केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य में कैमरे में कैद किया गया है, जहां अभी तक केवल तेंदुए और हिम तेंदुए पाए जाते रहे हैं।
कंवर ने कहा कि वर्ष 2016 में भी क्षेत्र में कैमरे में एक बाघ को कैद किया गया था, लेकिन तस्वीर की क्वालिटी इतनी बढिय़ा नहीं थी।
उन्होंने कहा, ‘‘इस बार तस्वीर साफ है, जिसमें बाघ को देखा जा सकता है।’’
डीएफओ ने कहा, ‘‘हमें अभी तक इस बात की जानकारी नहीं है कि वह नर है या मादा। यह भी स्पष्ट नहीं है कि बाघ स्थानीय है या मैदानों से अभयारण्य में आया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वन विभाग मामले में देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) की मदद लेगा, जिससे इतनी ऊंचाई पर बाघ के होने का आंकलन किया जाएगा। साथ ही अनुसंधान कार्य भी किया जाएगा।’’
कंवर ने कहा कि इससे पहले पिथौरागढ़ जिले में 3,200 मीटर की ऊंचाई पर एक बाघ को देखा गया था। (आईएएनएस)
केदारनाथ संभागीय वन मंडल अधिकारी (डीएफओ) अमित कंवर ने कहा कि बाघ को हाल ही में केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य में कैमरे में कैद किया गया है, जहां अभी तक केवल तेंदुए और हिम तेंदुए पाए जाते रहे हैं।
कंवर ने कहा कि वर्ष 2016 में भी क्षेत्र में कैमरे में एक बाघ को कैद किया गया था, लेकिन तस्वीर की क्वालिटी इतनी बढिय़ा नहीं थी।
उन्होंने कहा, ‘‘इस बार तस्वीर साफ है, जिसमें बाघ को देखा जा सकता है।’’
डीएफओ ने कहा, ‘‘हमें अभी तक इस बात की जानकारी नहीं है कि वह नर है या मादा। यह भी स्पष्ट नहीं है कि बाघ स्थानीय है या मैदानों से अभयारण्य में आया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वन विभाग मामले में देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) की मदद लेगा, जिससे इतनी ऊंचाई पर बाघ के होने का आंकलन किया जाएगा। साथ ही अनुसंधान कार्य भी किया जाएगा।’’
कंवर ने कहा कि इससे पहले पिथौरागढ़ जिले में 3,200 मीटर की ऊंचाई पर एक बाघ को देखा गया था। (आईएएनएस)
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