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तीन तलाक पर मुस्लिम देशों में लगा है बैन, भारत में विवाद गहराया
नई दिल्ली। भारत में मुस्लिम महिलाओं तीन तलाक से छुटकारा दिलाने का मोदी की केंद्रीय कैबिनेट ने फैसला कर अमल में करवाया है। इसको लेकर भारत में मुस्लिम नेता हो-हल्ला मचा रखा है। कई मुस्लिम देशों ने पहले ही तीन तलाक पर बैन लगा दिया है। मिस्र दुनिया का वह देश बना, जहां तीन तलाक को सबसे पहले बैन किया गया। साल 1929 में मुस्लिम जजों की खंडपीठ ने सर्वसम्मति से तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया गया। पाकिस्तान और बांग्लादेश ने वर्ष 1961 में ही पाकिस्तान तीन तलाक पर रोक लगा दिया था।
वही बांग्लादेश उस समय पूर्वी पाकिस्तान था इसलिए वहां भी ये लागू हो गया। अफगानिस्तान में एक साथ तीन तलाक बोलना गैरकानूनी माना गया है। एक बार तलाक कहने के बाद तीन महीने में तलाक की प्रक्रिया पूरी होती है। पड़ौसी देश श्री लंका में तलाक के लिए पति काजी को प्रार्थना पत्र देते है, इसके बाद काजी दोनों में सुलह कराने का प्रयास करते हैं। सहमति नहीं बनते है तो काजी पति का नोटिस पत्नी को हस्तांतरित कर देगा। पत्नी की अनुपस्थिति में उसकी नजदीकी सम्बंधी को नोटिस दे दिया जाएगा।
भारतीय सरकार ने भी अध्यादेश जारी कर बताया कि एकसाथ तीन तलाक को दंडनीय अपराध है। अध्यादेश के माध्यम से सरकार ने बताया कि बोलकर, लिखकर, ईमेल या आदि इलेक्ट्रॉनिक्स माध्यम से तीन तलाक कहना गैरकानूनी घोषित कया है। वहीं दूसरी ओर, ऑल इंडिया मजलिस-ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अध्यादेश पूरी तरह मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ बताया है। इसमें बिना पत्नी के पक्ष सुने बिना पति को जमानत नहीं दी जाएगी। उल्लेख है कि मुस्लिम महिलाओं को जरा-जरा सी बात पर तलाक दे देने के कई मामले सामने आए थे। पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा साइप्रस, अल्जीरिया, मलेशिया, जार्डन, मिस्र, ईरान, इराक, ब्रूनेई, यूएई, लीबिया, सूडान, लेबनान, सऊदी अरब और कुवैत में भी तीन तलाक पर रोक लगी हुई है।
वही बांग्लादेश उस समय पूर्वी पाकिस्तान था इसलिए वहां भी ये लागू हो गया। अफगानिस्तान में एक साथ तीन तलाक बोलना गैरकानूनी माना गया है। एक बार तलाक कहने के बाद तीन महीने में तलाक की प्रक्रिया पूरी होती है। पड़ौसी देश श्री लंका में तलाक के लिए पति काजी को प्रार्थना पत्र देते है, इसके बाद काजी दोनों में सुलह कराने का प्रयास करते हैं। सहमति नहीं बनते है तो काजी पति का नोटिस पत्नी को हस्तांतरित कर देगा। पत्नी की अनुपस्थिति में उसकी नजदीकी सम्बंधी को नोटिस दे दिया जाएगा।
भारतीय सरकार ने भी अध्यादेश जारी कर बताया कि एकसाथ तीन तलाक को दंडनीय अपराध है। अध्यादेश के माध्यम से सरकार ने बताया कि बोलकर, लिखकर, ईमेल या आदि इलेक्ट्रॉनिक्स माध्यम से तीन तलाक कहना गैरकानूनी घोषित कया है। वहीं दूसरी ओर, ऑल इंडिया मजलिस-ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अध्यादेश पूरी तरह मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ बताया है। इसमें बिना पत्नी के पक्ष सुने बिना पति को जमानत नहीं दी जाएगी। उल्लेख है कि मुस्लिम महिलाओं को जरा-जरा सी बात पर तलाक दे देने के कई मामले सामने आए थे। पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा साइप्रस, अल्जीरिया, मलेशिया, जार्डन, मिस्र, ईरान, इराक, ब्रूनेई, यूएई, लीबिया, सूडान, लेबनान, सऊदी अरब और कुवैत में भी तीन तलाक पर रोक लगी हुई है।
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