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हजारों बच्चों और महिलाओं को मिल रहा है पौष्टिक आहार
कुल्लू। छह साल तक के बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं और किशोरियों के लिए पौष्टिक आहार व टीकाकरण हो या शिशुओं की शाला पूर्व शिक्षा। महिला सशक्तिकरण हो या फिर उनका सामाजिक उत्थान। महिला एवं बाल विकास विभाग कुल्लू जिला में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से हजारों बच्चों, किशोरियों और महिलाओं को लाभान्वित कर रहा है। समेकित बाल विकास सेवाएं कार्यक्रम के अंतर्गत चलाई जा रही इन योजनाओं के कारण ही जिला में कुपोषण के मामलों तथा बाल मृत्यु दर में काफी कमी दर्ज की गई है।
विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पूरक पोषाहार योजना के तहत जिला में 6 वर्ष की आयु तक के लगभग साढे अठाईस हजार बच्चों को पौष्टिक आहार प्रदान किया जा रहा है। यह आहार कुल 1095 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से आवंटित किया जा रहा है। इनके अलावा छह हजार से अधिक गर्भवती या धात्री महिलाओं को भी पूरक पोषाहार दिया जा रहा है।
31 मार्च 2019 को जिला में 3 से 6 वर्ष के बच्चों की कुल संख्या 17176 थी, जिनमें से 8702 बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों में शाला पूर्व शिक्षा के लिए पंजीकृत किए गए हैं। 3030 बच्चे सरकारी प्राथमिक स्कूलों और 5411 बच्चे निजी स्कूलों में दाखिल हैं, जबकि 29 शिशु बालवाड़ी या क्रैच इत्यादि में पंजीकृत हैं। इन सभी बच्चों को पौष्टिक आहार के साथ-साथ उनका शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।
शिशुओं और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण में भी आंगनबाड़ी केंद्र एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य कर रहे हैं। गर्भवती महिलाओं को टैटनस तथा बच्चों को पोलियो, हैपाटाइटिस-बी और खसरा सहित कुल सात बीमारियों से बचाने के लिए आयोजित जाने वाले टीकाकरण कार्यक्रमों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत कुल्लू जिला में गत वित वर्ष के दौरान 85 कन्याओं की शादी पर कुल 34 लाख की धनराशि प्रदान की गई। मदर टैरेसा असहाय मातृ संबल योजना के तहत 761 गरीब महिलाओं को लाभान्वित किया गया। महिला स्वरोजगार योजना के माध्यम से 20 महिलाओं को सहायता राशि प्रदान की गई। बेटी है अनमोल योजना में 165 कन्याओं के नाम एफडी की गई। 49 बलात्कार पीड़ितों को भी आर्थिक मदद दी गई।
हिमाचल प्रदेश सरकार की सशक्त महिला योजना के तहत विभाग ने कुल्लू जिला की सभी 204 ग्राम पंचायतो में सशक्त महिला केंद्र स्थापित किए हैं। इन केंद्रों के संचालन के लिए इस वित वर्ष में 5 लाख 40 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है। इस योजना का मुख्य उददेश्य 19 से 45 वर्ष की ग्रामीण महिलाओं के कौशल में सुधार करके उन्हें आजीविका के अवसरों से जोड़ना है।
महिला एवं बाल विकास की इन योजनाओं के अलावा विभाग ने हिंसा पीड़ित महिलाओं को आश्रय, कानूनी, पुलिस और अन्य परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए जिला स्तर पर वन स्टाॅप सेंटर भी स्थापित किया है। विपरीत परिस्थितियों के शिकार बेसहारा बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए जिला बाल कल्याण समिति का भी गठन किया गया है। इस प्रकार महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं से जिला के हजारों बच्चे और महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं तथा बेसहारा महिलाओं व बच्चों के अधिकारों की रक्षा भी सुनिश्चित हो रही है।
विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पूरक पोषाहार योजना के तहत जिला में 6 वर्ष की आयु तक के लगभग साढे अठाईस हजार बच्चों को पौष्टिक आहार प्रदान किया जा रहा है। यह आहार कुल 1095 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से आवंटित किया जा रहा है। इनके अलावा छह हजार से अधिक गर्भवती या धात्री महिलाओं को भी पूरक पोषाहार दिया जा रहा है।
31 मार्च 2019 को जिला में 3 से 6 वर्ष के बच्चों की कुल संख्या 17176 थी, जिनमें से 8702 बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों में शाला पूर्व शिक्षा के लिए पंजीकृत किए गए हैं। 3030 बच्चे सरकारी प्राथमिक स्कूलों और 5411 बच्चे निजी स्कूलों में दाखिल हैं, जबकि 29 शिशु बालवाड़ी या क्रैच इत्यादि में पंजीकृत हैं। इन सभी बच्चों को पौष्टिक आहार के साथ-साथ उनका शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।
शिशुओं और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण में भी आंगनबाड़ी केंद्र एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य कर रहे हैं। गर्भवती महिलाओं को टैटनस तथा बच्चों को पोलियो, हैपाटाइटिस-बी और खसरा सहित कुल सात बीमारियों से बचाने के लिए आयोजित जाने वाले टीकाकरण कार्यक्रमों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत कुल्लू जिला में गत वित वर्ष के दौरान 85 कन्याओं की शादी पर कुल 34 लाख की धनराशि प्रदान की गई। मदर टैरेसा असहाय मातृ संबल योजना के तहत 761 गरीब महिलाओं को लाभान्वित किया गया। महिला स्वरोजगार योजना के माध्यम से 20 महिलाओं को सहायता राशि प्रदान की गई। बेटी है अनमोल योजना में 165 कन्याओं के नाम एफडी की गई। 49 बलात्कार पीड़ितों को भी आर्थिक मदद दी गई।
हिमाचल प्रदेश सरकार की सशक्त महिला योजना के तहत विभाग ने कुल्लू जिला की सभी 204 ग्राम पंचायतो में सशक्त महिला केंद्र स्थापित किए हैं। इन केंद्रों के संचालन के लिए इस वित वर्ष में 5 लाख 40 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है। इस योजना का मुख्य उददेश्य 19 से 45 वर्ष की ग्रामीण महिलाओं के कौशल में सुधार करके उन्हें आजीविका के अवसरों से जोड़ना है।
महिला एवं बाल विकास की इन योजनाओं के अलावा विभाग ने हिंसा पीड़ित महिलाओं को आश्रय, कानूनी, पुलिस और अन्य परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए जिला स्तर पर वन स्टाॅप सेंटर भी स्थापित किया है। विपरीत परिस्थितियों के शिकार बेसहारा बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए जिला बाल कल्याण समिति का भी गठन किया गया है। इस प्रकार महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं से जिला के हजारों बच्चे और महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं तथा बेसहारा महिलाओं व बच्चों के अधिकारों की रक्षा भी सुनिश्चित हो रही है।
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