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पहचान का तरीका नायाब तरीका, कलास रूमों में टीचरों के फोटो लगवाने पर विचार

khaskhabar.com : शनिवार, 20 जनवरी 2018 2:36 PM (IST)
पहचान का तरीका नायाब तरीका, कलास रूमों में टीचरों के फोटो लगवाने पर विचार
जींद। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अनियमिताओं पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार द्वारा कलास रूमों में अध्यापकों के फोटो लगवाने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि छात्रों को यह पता लग सके कि उनका असली अध्यापक उन्हें पढ़ा रहा है या कोई अन्य व्यक्ति।

मुख्यमंत्री ने यह जानकारी जींद में आयोजित एक जनसभा को सम्बोन्धित करते हुए दी।


मनोहर लाल ने कहा कि सरकारी विभागों में रिक्त पड़े पदों को भरने के लिए तेजी से कार्य करवाया जा रहा है और लगभग 35 हजार पदों के परिणाम जारी कर दिये गये है। उन्होंने कहा कि सभी युवाओं को सरकारी नौकरियां तो उपलब्ध नहीं करवाई जा सकती, लेकिन हर युवा को रोजगार एवं स्वरोजगार उपलब्ध हो सके, इसके लिए सरकार द्वारा कदम उठाये जा रहे है। कम्पनियों द्वारा प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए बड़ा पुंजी का निवेश किया जा रहा है। आने वाले दिनों में युवाओं को रोजगार की कोई कमी नहीं रहेगी। रोजगार एवं स्वरोजगार उपलब्ध करवाने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा कई योजनाएं भी लागू की है। लोगों को इन योजनाओं का भरपूर लाभ उठाना चाहिए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी हलकों का बराबर विकास करवाया जा रहा है जिन हलकों में भाजपा का विधायक नहीं है, उन हलकों को भी विकास कार्यों के लिए बराबर धनराशि उपलब्ध करवाई गई है। प्रदेश का ऐसा कोई हलका नहीं जहां 150 से 200 करोड़ रूपये की धनराशि विकास कार्यों के लिए उपलब्ध नहीं करवाई गई है। उन्होंने कहा कि जीन्द जिला में भी 200 करोड़ रूपये की राशि से कई विकास परियोजनाएं पूरी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि विकास के सिलसिले को रूकने नहीं दिया जायेगा।



उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले प्रदेश को भष्ट्राचार मुक्त बनाने तथा सम्मान विकास करवाने का जो वायदा जनता से किया था, उस वायदे को बेखूबी निभाया जा रहा है और ऐसा करने से संतुष्टि भी प्राप्त हुई है। भविष्य में भी प्रदेश में किसी प्रकार का कोई भष्ट्राचार नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भष्ट्राचार कैंसर की बीमारी की तरह तेजी से फैल रहा था, जो प्रदेश के विकास में सबसे बड़ा रोड़ा बना हुआ था। इसे जड़ से खत्म करने के लिए सरकार द्वारा ठोस कदम उठाये गये है। कुछ हद तक इसे रोकने में भी सफलता हासिल हुई है, लेकिन अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि हर हाल में प्रदेश को भष्ट्राचार मुक्त कर जनता को सुशासन प्रदान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में भष्ट्राचार को खूब बढ़ावा दिया। यहां तक की विपक्षी पार्टियों के नेता अपराधियों तक को संरक्षण प्रदान कर रहे थे, उनके घर जाकर चाय तक पी जाती थी। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ वर्ष पहले तक प्रदेश के स्कूलों में अध्यापक दूसरे किसी व्यक्ति को 15- 20 हजार रूपये देकर बच्चों को पढ़ाने के लिए भेज देते थे और खुद अपना घर का काम करते थे। अब ऐसा नहीं होने दिया जा रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा की सरकार ने पिछले तीन वर्षों में प्रदेश के हर वर्ग के कल्याण के लिये कल्याणकारी योजनाएं लागू करने का काम किया है। अब तक सरकार द्वारा जो भी निर्णय लिये गये है, वे सभी समाजहित में है। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों में पर्ची के सिस्टम को जड़ से समाप्त कर दिया गया है। आज प्रदेश में मैरिट के आधार पर युवाओं को नौकरियां दी जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के हर घर में नौकरी उपलब्ध करवाने के लिए भी सकारात्मक कदम उठाये जा रहे है, जिनके तहत जिस घर में कोई भी व्यक्ति सरकारी नौकरी पर नहीं है, उस परिवार के युवा को 5 प्रतिशत अंक अतिरिक्त प्रदान किये जायेंगे ताकि सभी लोगों को आगे बढऩे के बराबर अवसर प्रदान किये जा सके। गु्रप सी तथा डी की सरकारी नौकरियों में साक्षात्कार पूर्ण रूप से खत्म कर दिया गया है। ऐसा करने के पिछे भष्ट्राचार पर अंकुश लगाना है। उन्होंने सम्बोधन के दौरान उपस्थित जन समूह से पूछा कि क्या यह फैसला सही है, इस पर लोगों ने दोनों हाथ उठाकर राज्य सरकार के इस निर्णय पर अपनी सहमति की मोहर लगाई। इस प्रकार से उन्होंने कई अन्य निर्णयों पर भी जनता से राय मांगी। इसी प्रकार से जनता ने हाथ उठाकर अपनी सहमति जताई।


उन्होंने कहा कि किसी भी देश एवं प्रदेश को विकास करने के लिए उसे अपना लिंगानुपात संतुलित रखना बहुत जरूरी होता है, अन्यथा समाज में अनेक विकृतियां पैदा हो जाती है, जो विकास में बाधा बन जाती है। प्रदेश के लिंगानुपात को संतुलित बनाने के लिए सरकार द्वारा बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के परिणाम स्वरूप लड़कियों के प्रति लोगों की सोच में बड़ा सकारात्मक बदला आया है, आज से कुछ वर्ष पहले प्रदेश का लिंगानुपात एक हजार पुरूषों पर 825 महिलाओं का था, आज यह एक हजार पुरूषों पर 914 महिलाओं का हो गया है। उन्होंने कहा कि जिस गति से लिंगानुपात में सुधार हो रहा है, उसे देखते हुए आने वाली कुछ ही महीनों में प्रदेश का लिंगानुपात संतुलित हो जायेगा।

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