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स्वार्थ के लिए सारी हदें पार कर गई कारोबार से जुड़ी ये महिलाएं

khaskhabar.com : शुक्रवार, 08 नवम्बर 2019 1:12 PM (IST)
स्वार्थ के लिए सारी हदें पार कर गई कारोबार से जुड़ी ये महिलाएं
नई दिल्ली। भारतीय व्यापार जगत में जुड़ी ऐसी तेजतर्रार व चालाक महिलाएं भी रही हैं, जिन्होंने कई मिथकों को तोड़ते हुए बेशुमार दौलत व रुतबा हासिल करने के लिए न केवल अपने प्रियजनों को अंधेरे में रखा, बल्कि वह हत्या जैसे क्रूर अपराधों में शामिल होने से भी नहीं कतराई। इनमें से एक महिला तो उसकी जान की दुश्मन बन गई, जिसे उसने जन्म दिया था।

जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की गोद ली हुई बेटी हनीप्रीत इंसां भी इनमें से एक है। हनीप्रीत को बुधवार को 2017 के पंचकूला हिंसा मामले में जमानत दे दी गई।

हनीप्रीत ने राम रहीम के सारे पैसे और व्यापारिक लेन-देन का प्रबंधन किया, जबकि उसने भारत और विदेश में लाखों लोगों पर अपना प्रभुत्व भी स्थापित किया।

इस सूची में हालांकि जो महिला सबसे ऊपर है, वह है इंद्राणी मुखर्जी। एक ऐसी महिला जिसने अपनी ही बेटी को मार डाला। इसके अलावा एक महिला मादी शर्मा भी इस सूची में आश्चर्यजनक तरीके से शामिल हुई है। मादी एक अंतर्राष्ट्रीय ब्रोकर है।

वहीं एक महिला यास्मीन कपूर है, जो दो महीने पहले विमानन घोटाला मामले में भारतीय जांच एजेंसियों द्वारा पकड़े जाने के बाद सुर्खियों में आई थीं।

अब तक हमने सुना है कि यास्मीन कपूर कॉरपोरेट लॉबीस्ट दीपक तलवार की करीबी सहयोगी है। वह 2008-09 में विमानन घोटाले में तिहाड़ जेल में रह चुकी है। उसे एनजीओ एडवांटेज इंडिया द्वारा विदेशी मुद्रा नियमों के कथित उल्लंघन के आरोपों का भी सामना करना पड़ रहा है।

विमानन घोटाला पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल द्वारा एयर इंडिया की कीमत पर विदेशी निजी एयरलाइनों के लिए हवाई यातायात अधिकार देने के फैसले से संबंधित है।

वहीं अगर मादी शर्मा की बात करें तो वह फिलहाल ब्रिटेन की निवासी हैं और उन्होंने हाल ही में जम्मू एवं कश्मीर में यूरोपीय संसद के सदस्यों की एक अनौपचारिक यात्रा का आयोजन किया था। आश्चर्यजनक रूप से इस वीआईपी यात्रा में सभी भुगतान भी उन्हीं के द्वारा कराए गए थे।

वह खुद को महिला आर्थिक और सामाजिक थिंक टैंक (डब्ल्यूईएसटीटी) नामक एक संगठन प्रमुख के तौर पर बताती हैं। मादी ने यूरोपीय संसद और दुनिया भर की सरकारों के साथ गैर-सरकारी संगठनों के साथ भी काम किया है।

मादी ने यूरोपीय संसद के चुनिंदा सदस्यों को निमंत्रण पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने बताया कि वह भारत के प्रधानमंत्री के साथ एक प्रतिष्ठित वीआईपी बैठक आयोजित कर रही हैं।

उसने यूरोपीय राजनेताओं के समूह को बताया कि वे भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर जाएंगे, जिसमें वे प्रधानमंत्री से मिलेंगे और अगले दिन कश्मीर का दौरा करेंगे। उन्होंने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया था कि यह यात्रा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नॉन एलाइन्ड स्टडीज द्वारा प्रायोजित की जा रही है।

इस यात्रा ने एक बड़े विवाद को जन्म दिया है, क्योंकि विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर यह सवाल करते हुए हमला किया है कि भारतीय सांसदों को कश्मीर जाने की अनुमति से इनकार किया जा रहा है और विदेशी सांसदों को वहां जाने की अनुमति दी जा रही है।


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