Theater festival begins in Lakecity, tickles with emotional message on day one -m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Mar 29, 2024 1:04 pm
Location
Advertisement

लेकसिटी में थियेटर फेस्टिवल शुरू, पहले दिन भावनात्मक संदेश के साथ गुदगुदाया

khaskhabar.com : रविवार, 06 मार्च 2022 07:02 AM (IST)
लेकसिटी में थियेटर फेस्टिवल शुरू, पहले दिन भावनात्मक संदेश के साथ गुदगुदाया
उदयपुर । रंगमंच कला प्रमियों के लिए एक अनूठा थियेरटर उत्सव शानिवार को शुरू हुआ। खेतान फाउंडेशन और अहसास महिला उदयपुर की ओर से यह उत्सव तीन दिन चलेगा । उत्सव में प्रतिदिन एक नाटक का मंचन किया जाएगा। उत्सव के पहले दिन मानवीय भावनाओं और घटनाओं से भरा शोभा डे द्वारा लिखित लॉकडाउन लिएज़ोन्स का मंचन किया गया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
अहसास महिला की श्रद्धा मुर्डिया ने बताया कि पहले दिन पांच कहानियों वाले लॉकडाउन लिएज़ोन्स को प्रस्तुत किया गया। प्रसिद्ध कलाकार लिलेट दुबे के किरदार वाली कहानी लॉकडाउन में पति की मौत पर आधारित है इसमें अकेलेपन, यादों और दर्द को बड़े रोचक तरीके से डायलॉग में ढाला गया। एक कहानी में जॉय सेनगुप्ता एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं जो लॉकडाउन में घर पर ही रहते हैं पत्नी के साथ अधिक समय व्यतीत करने के कारण उनके रिश्ते को देखने के नजरिए व उनके संबंधों में किस तरह बदलाव आता है इसे सुंदरता के साथ प्रस्तुत किया गया ।

अहसास महिला की शुभ सिंघवी ने बताया की जॉय सेनगुप्ता का दूसरा नाटक लॉकडाउन में मजदूर के पलायन पर आधारित रहा, इसमें मजदूर की मानसिक और आर्थिक स्थिति को मार्मिक तरीके से प्रस्तुत किया गया । अहसास महिला की
रिद्धिमा दोशी ने बताया की दो कहानियों में इरा दुबे ने पत्नी और लैज़बियन का किरदार निभाया। एक में लॉकडाउन की स्थिति में हर वक्त अपने पति के साथ रहने से उनके प्यार और टकराव के कारण पारिवारिक स्थिति और उनके वैवाहिक जीवन को बदलाव को दिखाया गया । दूसरी कहानी में इरा दुबे लॉकडाउन के कारण नौकरी से वापस घर आ जाती हैं, जिससे उसकी महिला मित्र और आजादी छिन जाती है उसे लगता है वह बंधन में बंध गई है। वह चाहती है इन सारे बंधनों को तोड़कर पहले जैसी जिंदगी जी सके। नाटकों में कलाकारों के संजीदा अभिनय ने दर्शकों का मन मोह लिया।

मीडिया से बात करते हुए लिलेट दुबे ने बताया कि नाटकों को प्रोत्साहन देने के लिए कलाकारों को आगे आना होगा। साथ ही दुबे ने कहा कि जीवन के लिए सिर्फ भोजन काफी नहीं है रुह के सुकून के लिए कला बहुत जरूरी है। कला इंसान के जीवन का अटूट हिस्सा है। मीडिया के सवाल पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि रंगमंच में शुरुआती दिनों में आय बहुत कम है। छोटे शहरो में करियर की शुरूआत करने वालों के लिए समस्या अधिक गंभीर है तथा सरकार की ओर से भी कोई मदद नहीं की जा रही है।

कलाकार जॉयसेन सेनगुप्ता ने कहा कि इंसान को अच्छा जीवन जीने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और कला की आवश्यकता होती है। कला व्यक्ति की जिन्दगी को बेहतरीन तरीके से जीने का नजरिया देती है। रंगमंच कभी नहीं मरता, वह लोगां की आत्मा में हमेशा जीवित रहता है।
अहसास के पदाधिकारियों ने बताया कि इस उत्सव में परफोर्मिंग आर्ट क्षेत्र के दिग्गज लिलेट दुबे और इला अरुण, केके रैना, विक्रांत मिश्रा, इरा दुबे, जॉय सेनगुप्ता, मार्क बेनिंगटन, ऋषि खुराना, प्रणव सचदेव जैसे वरिष्ठ कलाकारों नाटक के मुख्य किरदार हैं। उदयपुर की अहसास महिलाएं स्वाति अग्रवाल, श्रद्धा मुर्डिया, मूमल भंडारी, कनिका अग्रवाल, रिद्धिमा दोशी और शुभ सिंघवी उदयपुर में इस उत्सव की मेजबानी कर रही हैं। इस उत्सव में देशभर के विभिन्न शहरों से कलाप्रेमी शामिल होंगे। इसके साथ ही जीवन के सभी क्षेत्रों की समान विचारधारा वाली महिलाओं के अहसास समूह की महिलाओं द्वारा भी भाग लिया जाएगा।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar Rajasthan Facebook Page:
Advertisement
Advertisement