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गर्मी का कहर तेज, लू से राहत और बचाव के उपाय बरतने की सलाह
चंडीगढ़। हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रदेश में चल रही
गर्म हवाओं या लू से बचाव के लिए प्रदेशवासियों को विशेष सावधानी बरतने की
सलाह दी है। विभाग
के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि लोगों को चाहिए
कि वे थोड़ी-थोड़ी देर के बाद पानी पीते रहें, भले ही प्यास न हो। यात्रा
करते समय पानी साथ रखें। धूप में बाहर जाते समय हल्के रंग के, ढीले फीटिंग
के तथा सूती कपड़े पहनें। सुरक्षात्मक चश्मे, छाता, पगड़ी, दुपट्टा व टोपी
का उपयोग करें।
उन्होंने बताया कि शरीर को पुन: हाइड्रेट करने के लिए ओआरएस या घर के बने पेय जैसे लस्सी, नींबू-पानी व छाछ आदि का प्रयोग करें। हीट स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानें और यदि आपको कमजोरी, चक्कर आना, सिर दर्द, मितली जैसे लक्षण दिखाई देते हैं तो तत्काल चिकित्सक से परामर्श करें। गर्भवती महिलाओं तथा मजदूरों को चिकित्सकीय परामर्श की स्थिति में अधिक ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने लोगों को सलाह दी कि वे खड़े हुए वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरों को न छोडे। दोपहर 12 से तीन बजे के बीच बाहर जाने से बचें। भारी, काले व तंग कपड़े पहनने से बचें। तापमान अधिक होने की स्थिति में श्रमयुक्त कार्य न करें। दिन के गर्म समय में खाना पकाने से बचें तथा खाने बनाते समय दरवाजे व खिड़कियां खुली रखें। इसके अलावा, शरीर में पानी की कमी करने वाले शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटिड शीतल पेय जैसे पदार्थों के सेवन से बचें। उच्च प्रोटीन युक्त व बासी भोजन न खाएं। प्रवक्ता ने बताया कि लोगों को सलाह दी गई है कि वे अपने जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पर्याप्त पानी पिलाएं। अपना घर ठंडा रखें तथा दिन के दौरान पर्दें या शटर का उपयोग करें और रात में खिड़कियां खुली रखें। पंखों, नम कपड़ों का प्रयोग करें तथा ठंडे पानी से स्नान करें। कार्यस्थल के पास ठंडा पेयजल उपलब्ध करवाएं।
श्रमिकों को प्रत्यक्ष सूर्य के समक्ष होने वाले कार्यों से बचाएं। श्रमयुक्त कार्य सुबह-शाम ठंडे मौसम के दौरान करें। बाहरी गतिविधियों के दौरान आराम के समय को बढ़ाएं। इसके अलावा, स्थानीय मौसम की भविष्यवाणी के लिए रेडियो सुनें, टी वी देखें, समाचार पत्र पढें जिससे गर्म हवाओं व लू के बारे में पर्याप्त सूचना मिल सके।
उन्होंने बताया कि शरीर को पुन: हाइड्रेट करने के लिए ओआरएस या घर के बने पेय जैसे लस्सी, नींबू-पानी व छाछ आदि का प्रयोग करें। हीट स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानें और यदि आपको कमजोरी, चक्कर आना, सिर दर्द, मितली जैसे लक्षण दिखाई देते हैं तो तत्काल चिकित्सक से परामर्श करें। गर्भवती महिलाओं तथा मजदूरों को चिकित्सकीय परामर्श की स्थिति में अधिक ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने लोगों को सलाह दी कि वे खड़े हुए वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरों को न छोडे। दोपहर 12 से तीन बजे के बीच बाहर जाने से बचें। भारी, काले व तंग कपड़े पहनने से बचें। तापमान अधिक होने की स्थिति में श्रमयुक्त कार्य न करें। दिन के गर्म समय में खाना पकाने से बचें तथा खाने बनाते समय दरवाजे व खिड़कियां खुली रखें। इसके अलावा, शरीर में पानी की कमी करने वाले शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटिड शीतल पेय जैसे पदार्थों के सेवन से बचें। उच्च प्रोटीन युक्त व बासी भोजन न खाएं। प्रवक्ता ने बताया कि लोगों को सलाह दी गई है कि वे अपने जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पर्याप्त पानी पिलाएं। अपना घर ठंडा रखें तथा दिन के दौरान पर्दें या शटर का उपयोग करें और रात में खिड़कियां खुली रखें। पंखों, नम कपड़ों का प्रयोग करें तथा ठंडे पानी से स्नान करें। कार्यस्थल के पास ठंडा पेयजल उपलब्ध करवाएं।
श्रमिकों को प्रत्यक्ष सूर्य के समक्ष होने वाले कार्यों से बचाएं। श्रमयुक्त कार्य सुबह-शाम ठंडे मौसम के दौरान करें। बाहरी गतिविधियों के दौरान आराम के समय को बढ़ाएं। इसके अलावा, स्थानीय मौसम की भविष्यवाणी के लिए रेडियो सुनें, टी वी देखें, समाचार पत्र पढें जिससे गर्म हवाओं व लू के बारे में पर्याप्त सूचना मिल सके।
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