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सरकारी बंगलों में प्रीपेड मीटर लगाने का काम ऊर्जा मंत्री के घर से शुरू
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने शुक्रवार से सरकारी बंगलों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू करवा दिया है। इसी कड़ी में सबसे पहले ऊर्जा मंत्री ने अपने सरकारी आवास पर प्रीपेड मीटर लगवाया है। इस दौरान विभाग के प्रमुख सचिव अरविंद कुमार भी मौजूद रहे। ऊर्जा मंत्री ने 15 नवंबर से सरकारी आवासों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने के अभियान की घोषणा की थी।
ऊर्जा मंत्री के बंगले पर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगने के बाद कालीदास मार्ग के तीन अन्य बंगलों में भी प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाया जाएगा। विभाग द्वारा कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना एवं कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के यहां भी प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। मंत्रियों के इन बंगलों की विद्युत खपत का लोड लगभग 25 किलोवाट है। इसके अलावा सभी थानों, सरकारी आवास और दफ्तरों में प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे।
प्रीपेड स्मार्ट मीटर की खासियत ये है कि इसमें प्रीपेड, पोस्ट पेड एवं सोलर बिजली की सप्लाई की बिलिंग की जा सकती है। यानी इस मीटर के लगने के बाद उपभोक्ता चाहे तो उसे प्रीपेड रिचार्ज करा लें या फिर पहले बिजली जलाए।
गौरतलब है कि ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा था कि बिजली का बिल जमा करने में सरकारी अफसरों, जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों का रिकॉर्ड ठीक नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए सबसे पहले इन्हीं लोगों के सरकारी घरों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि एक लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर के ऑर्डर दिए गए हैं। इन मीटरों को मिलने के क्रम अनुसार लगाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में सरकारी विभागों और आधिकारिक आवासों पर करीब 13 हजार करोड़ रुपये का बिजली के बिल का बकाया है। इसकी वसूली के लिए राज्य सरकार ने किस्तों में भुगतान का विकल्प दिया है।
--आईएएनएस
ऊर्जा मंत्री के बंगले पर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगने के बाद कालीदास मार्ग के तीन अन्य बंगलों में भी प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाया जाएगा। विभाग द्वारा कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना एवं कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के यहां भी प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। मंत्रियों के इन बंगलों की विद्युत खपत का लोड लगभग 25 किलोवाट है। इसके अलावा सभी थानों, सरकारी आवास और दफ्तरों में प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे।
प्रीपेड स्मार्ट मीटर की खासियत ये है कि इसमें प्रीपेड, पोस्ट पेड एवं सोलर बिजली की सप्लाई की बिलिंग की जा सकती है। यानी इस मीटर के लगने के बाद उपभोक्ता चाहे तो उसे प्रीपेड रिचार्ज करा लें या फिर पहले बिजली जलाए।
गौरतलब है कि ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा था कि बिजली का बिल जमा करने में सरकारी अफसरों, जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों का रिकॉर्ड ठीक नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए सबसे पहले इन्हीं लोगों के सरकारी घरों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि एक लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर के ऑर्डर दिए गए हैं। इन मीटरों को मिलने के क्रम अनुसार लगाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में सरकारी विभागों और आधिकारिक आवासों पर करीब 13 हजार करोड़ रुपये का बिजली के बिल का बकाया है। इसकी वसूली के लिए राज्य सरकार ने किस्तों में भुगतान का विकल्प दिया है।
--आईएएनएस
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