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भदोही में आज भी मौजूद है सैकड़ों वर्ष पूर्व शेरशाह सूरी द्वारा बनवाया कुआं

khaskhabar.com : बुधवार, 30 मई 2018 10:25 AM (IST)
भदोही में आज भी मौजूद है सैकड़ों वर्ष पूर्व शेरशाह सूरी द्वारा बनवाया कुआं
भदोही। उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के औराई में राष्ट्रीय राजमार्ग पर सैकड़ों वर्ष पूर्व मुगल शासक शेरशाह सूरी की तरफ से बनवाया गया ऐतिहासिक कुआं आज भी मौजूद है।

कहा जाता है कि इस कुएं को शेरशाह ने यात्रियों की प्यास बुझाने के लिए बनवाया था। इस कुएं का अस्तित्व खत्म हो रहा था, लेकिन भदोही पुलिस ने इसका संरक्षण करवा है। जिले के औराई थाने में यह स्थित है। इसके ऐतिहासिक गौरव और विरासत को देखते हुए इसे संरक्षित कर दिया गया है। कभी कुएं हमारी सांस्कृतिक विरासत के साथ संस्कृति और सभ्यता के अमूल्य धरोहर होते थे, लेकिन आज उनका अस्तित्व खत्म हो चला है। कभी पथिक राह चलते पेड़ों की छांव तले दोपहरी में आराम फरमाते थे और कुएं के शीतल जल से प्यास बुझा थकान मिटाते थे।

वह दौर भी था, जब शासक और राजा महाराजा तालाब और कुएं खुदवाने में अपनी शान समझते थे। कोलकाता से पेशावर तक जाने वाले राजमार्ग का निर्माण मुगल शासक शेरशाह सूरी अपने शासनकाल में करवाया था। देश के विभाजन के बाद इस मार्ग का नाम ग्रैंडट्रंक रोड रखा गया। इसे शेरशाह सूरी या शाही मार्ग के नाम से भी जानते थे। अब यह मार्ग नेशनल हाईवे यानी राष्ट्रीय राजमार्ग हो गया है। यह पेशावर के बजाय हावड़ा से अमृतसर तक जाता है।

कहा जाता है कि मार्ग से गुजरने वाले यात्रियों की प्यास बुझा बुझाने के लिए शेरशाह सूरी ने राजमार्ग पर जगह-जगह ऐतिहासिक कुओं का निर्माण कराया था। यह कुआं भी जिले के औराई में राष्ट्रीय मार्ग के बगल में बनाया गया था। औराई ऐसा स्थान है जहां एक चौराहा दो राजमार्गों को मिलाता है। इसी चैराहे के बगल में यह कुआं बना था, लेकिन ब्रिटिश शासन काल में औराई थाने का निर्माण होने के बाद यह कुआं थाना परिसर में चला गया। समय के साथ यह बदहाली का शिकार हो गया। उपयोग न होने से इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

पिछले साल तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सचिंद्र पटेल की तरफ से जिले के सभी थाना परिसर की सफाई का आदेश दिया गया था। बाद में एसपी के निर्देश पर इस कुएं की सफाई कराई गई। वहां के प्रभारी सुनील दत्त दूबे ने अब इसकी ध्वस्त विरासत निर्मित कर जाली लगाकर संरक्षित कर दिया गया है। इस अभियान में तीन महीने से अधिक का समय लगा, लेकिन आखिरकार मेहनत रंग लाई और यह ऐतिहासिक धरोहर अब पूरी तरह संरक्षित और सुरक्षित है।

--आईएएनएस

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