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जनजाति क्षेत्र के विकास के लिए वसुंधरा सरकार कर रही अभूतपूर्व काम
प्रतापगढ़। जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री नंदलाल मीणा ने कहा है कि राज्य सरकार जनजाति क्षेत्र के विकास के लिए अभूतपूर्व कार्य कर रही है। जनजाति क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ मिल रहा है। जरूरत इस बात की है कि राज्य सरकार की ओर से दिए जा रहे बजट एवं संसाधनों का समुचित सदुपयोग हो और जनजाति क्षेत्र के अंतिम छोर के व्यक्ति तक इनका लाभ पहुंचे।
मीणा गुरुवार को जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की ओर से प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय स्थित बालक छात्रावास में आयोजित राज्य स्तरीय जनजाति खेल प्रतिभा सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। समारोह के दौरान राष्ट्रीय, राज्य एवं जिला स्तर की 460 खेल प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। जनजाति मंत्री ने कहा कि जनजाति क्षेत्र में काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों का यह दायित्व है कि वे योजनाओं का समुचित लाभ जनजाति क्षेत्र के लोगों तक पहुंचाएं। उन्होंने छात्रावासों के निरीक्षण और रखरखाव के लिए संभाग स्तर पर ग्यारह सदस्यीय समिति बनाने के लिए भी टीएडी कमिश्नर भवानीसिंह देथा को निर्देश दिए।
समारोह में बतौर अतिथि संबोधित करते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राज्य मंत्री धनसिंह रावत ने कहा कि सम्मानित प्रतिभाएं लिंबाराम जैसे खिलाड़ियों से प्रेरणा लें, जिन्होंने गरीबी, संसाधनों के अभाव के बावजूद अंतरराष्ट्रीय स्तर तक नाम कमाया।
जलदाय विभाग के राज्य मंत्री सुशील कटारा ने कहा कि पढाई और खेल दोनों ही क्षेत्रों में यहां बहुत प्रतिभाएं हैं लेकिन उन्हें तराशने के लिए बहुत काम करने की दरकार है। साथ ही क्षेत्र के युवाओं के कौशल विकास की दिशा में काम किया जाना चाहिए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव जे. सी. मोहंती ने कहा कि देश में पहली बार किसी राज्य में जनजाति विकास को लेकर इतना काम किया जा रहा है। तीन साल में 13 खेल छात्रावास क्षेत्र में खोले गए हैं, सैंकड़ों युवाओं को जिनका लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य में खेलों के विकास एवं जनजाति क्षेत्र में सुविधाओं के विस्तार को लेकर अत्यंत गंभीर हैं और इस दिशा में व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने जनजाति क्षेत्र के अनेक बच्चों को नाम लेकर जिक्र करते हुए कहा कि ये बच्चे ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।
जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के आयुक्त भवानीसिंह देथा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए आयोजन की रूपरेखा के बारे में बताया। जिला कलक्टर नेहा गिरि ने आभार जताया।
460 खिलाड़ी हुए सम्मानित
समारोह के दौरान प्रतापगढ, उदयपुर, बांसवाड़ा, बारां, सिरोही, डूंगरपुर जिले के 460 खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। इसमें 42 राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करने वाले व मेडल लेने वाले, 111 राज्य स्तर पर प्रथम तीन स्थान पर रहने वाले एवं 307 जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त कर राज्य स्तर पर भाग लेने वाले खिलाड़ी शामिल हैं। इसके अलावा प्रत्येक जिले से दो-दो छात्रावास अधीक्षकों, दसवीं व बारहवीं परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले 40 विद्यार्थियों, श्रेष्ठ परिणाम देने वाले ढीकली व टीमरवा के एकलव्य मॉडल स्कूलों को सम्मानित किया गया। साथ ही बोर्ड परीक्षाओं में 65 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाली बालिकाओं को स्कूटी प्रदान की गई।
मीणा गुरुवार को जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की ओर से प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय स्थित बालक छात्रावास में आयोजित राज्य स्तरीय जनजाति खेल प्रतिभा सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। समारोह के दौरान राष्ट्रीय, राज्य एवं जिला स्तर की 460 खेल प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। जनजाति मंत्री ने कहा कि जनजाति क्षेत्र में काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों का यह दायित्व है कि वे योजनाओं का समुचित लाभ जनजाति क्षेत्र के लोगों तक पहुंचाएं। उन्होंने छात्रावासों के निरीक्षण और रखरखाव के लिए संभाग स्तर पर ग्यारह सदस्यीय समिति बनाने के लिए भी टीएडी कमिश्नर भवानीसिंह देथा को निर्देश दिए।
समारोह में बतौर अतिथि संबोधित करते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राज्य मंत्री धनसिंह रावत ने कहा कि सम्मानित प्रतिभाएं लिंबाराम जैसे खिलाड़ियों से प्रेरणा लें, जिन्होंने गरीबी, संसाधनों के अभाव के बावजूद अंतरराष्ट्रीय स्तर तक नाम कमाया।
जलदाय विभाग के राज्य मंत्री सुशील कटारा ने कहा कि पढाई और खेल दोनों ही क्षेत्रों में यहां बहुत प्रतिभाएं हैं लेकिन उन्हें तराशने के लिए बहुत काम करने की दरकार है। साथ ही क्षेत्र के युवाओं के कौशल विकास की दिशा में काम किया जाना चाहिए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव जे. सी. मोहंती ने कहा कि देश में पहली बार किसी राज्य में जनजाति विकास को लेकर इतना काम किया जा रहा है। तीन साल में 13 खेल छात्रावास क्षेत्र में खोले गए हैं, सैंकड़ों युवाओं को जिनका लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य में खेलों के विकास एवं जनजाति क्षेत्र में सुविधाओं के विस्तार को लेकर अत्यंत गंभीर हैं और इस दिशा में व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने जनजाति क्षेत्र के अनेक बच्चों को नाम लेकर जिक्र करते हुए कहा कि ये बच्चे ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।
जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के आयुक्त भवानीसिंह देथा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए आयोजन की रूपरेखा के बारे में बताया। जिला कलक्टर नेहा गिरि ने आभार जताया।
460 खिलाड़ी हुए सम्मानित
समारोह के दौरान प्रतापगढ, उदयपुर, बांसवाड़ा, बारां, सिरोही, डूंगरपुर जिले के 460 खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। इसमें 42 राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करने वाले व मेडल लेने वाले, 111 राज्य स्तर पर प्रथम तीन स्थान पर रहने वाले एवं 307 जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त कर राज्य स्तर पर भाग लेने वाले खिलाड़ी शामिल हैं। इसके अलावा प्रत्येक जिले से दो-दो छात्रावास अधीक्षकों, दसवीं व बारहवीं परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले 40 विद्यार्थियों, श्रेष्ठ परिणाम देने वाले ढीकली व टीमरवा के एकलव्य मॉडल स्कूलों को सम्मानित किया गया। साथ ही बोर्ड परीक्षाओं में 65 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाली बालिकाओं को स्कूटी प्रदान की गई।
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