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मारपीट प्रकरण में नया मोड़, पीडि़तों ने की प्रैस वार्ता, कहा बंबर ठाकुर व उनके बेटे का कोई लेना देना नहीं

khaskhabar.com : शनिवार, 18 फ़रवरी 2017 4:51 PM (IST)
मारपीट प्रकरण में नया मोड़, पीडि़तों ने की प्रैस वार्ता, कहा बंबर ठाकुर व उनके बेटे का कोई लेना देना नहीं
बिलासपुर। बिलासपुर के डियारा सेक्टर में पिछले एक सप्ताह से चले आ रहे मारपीट प्रकरण में को नया मोड़ आ गया जब इस मामले में शामिल पीडि़तों ने बाकायदा प्रैस वार्ता का आयोजन कर कहा कि इस मामले में सदर विधायक बंबर ठाकुर की छवि को दागदार करने के लिए उनके बेटे का नाम विरोधी दलों द्वारा किया जा रहा है जबकि उनका और उनके पुत्र का इस झगड़े से कोई लेना देना नहीं है। पीडि़तों में शामिल रोहित सोनी, अशोक वैद्य, मनीष कुमार, वीना टंडन आदि ने बताया कि ऐसे आपराधिक किस्म के तत्वों को समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है लिहाजा इन्हें जिले से बाहर निकाला जाना चाहिए। उन्होंने विधायक बंबर ठाकुर से मांग की है कि समाज में शांति बनी रहे इसके लिए वे असमाजिक तत्वों को बाहर निकालने के लिए मदद करें। उन्होंने कहा कि मुख्य दोषी अनिल कुमार पिंटू है जबकि विधायक सदर बंबर ठाकुर तथा उसके बेटे का इसमें कोई रोल नहीं है।
उन्होंने बताया कि उन्होंने विधायक के खिलाफ कोई भी नारेबाजी नहीं की है और उन्हें पता भी नहीं है कि नारेबाजी करने वाले कौन थे। उन्होंने कहा कि जहां तक राजनीति का सवाल है वह किसी भी तरह की राजनीति में नहीं पडऩा चाहते लेकिन उनके बेटे मेहनत मजदूरी करके अपना पेट पाल रहे हैं लेकिन इस तरह की घटनाओं से सभी डरे और सहमें हुए हैं। लिहाजा ऐसे दोषियों को दंड मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि 9 और 10 फरवरी को डियारा सेक्टर में अनिल कुमार पिंटू और उसके साथियों ने उनके उपर हमला किया, जिस कारण उनके बच्चे घायल भी हुए हैं।
वीना टंडन ने बताया कि इस लड़ाई-झगड़े में उनके बेटे की पांच तोले की सोने की चेन तथा अढ़ाई लाख रूपए नगद भी गायब हुआ है। उन्होंने बताया कि उन्होंने सुरक्षा की दृष्टि से वे चाहते हैं कि पुलिस भी उन्हें लिखित में आश्वासन दे कि उनके व उनके बच्चों के साथ किसी तरह की कोई अप्रिय घटना नहीं होगी। पीडि़तों ने इस बात पर हैरानी व्यक्त की है कि समाज को नशे की गर्त में धकेलने वाला यह व्यक्ति खुले में घूम रहा है और पुलिस कोई भी कार्रवाई नहीं कर रही है।
भाजपा के हाथ से फिसला मुद्दा
भले ही इस प्रकरण पर भाजपा ने मुखर होकर बिलासपुर में राज्य स्तरीय बैठक का आयोजन करवा डाला लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि उनके हाथ से यह मुद्दा फिसलता जा रहा है। सदर भाजपा ने नशे का कारोबार करने वालों को सदर के विधायक का संरक्षण बताया और विधायक के खिलाफ न केवल नारेबाजी की बल्कि आरोपों की बौछार भी की। यही नहीं बिलासपुर सदर भाजपा ने तो प्रदर्शन भी किया और ज्ञापन भी सौंपे लेकिन हर मामले में विधायक और उनके पुत्र के संलिप्त होने की बात कही। उधर कांग्रेस ने जो भी रैली की उसमें नशाबाजों और इसके सप्लायरों के खिलाफ कार्रवई करने की मांग उठाते रहे। अपने भाषणों में भाजपा के नेताओं ने भी नशे का कारोबार करने वालों के खिलाफ बोला लेकिन उनका अधिकतर टारगेट विधायक बंबर ठाकुर रहे। अब जिन लोगों को लेकर भाजपा रैली करने जा रही थी उन्होंने राजनीति से दूर रहने का फैसला पहले दिन से ही कर रखा था जिस पर वे अभी भी अडिग हैं।

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