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कोविड से उबरने के बाद की स्थिति एक नई चुनौती, आखिर क्यों, यहां पढ़ें
जयपुर । देश में कोविड-19 की रिकवरी दर में भले ही बढ़त देखने को मिल रही है, लेकिन अब चिकित्सकों व मरीजों को इससे उबरने के बाद की स्थिति की चिंता सता रही है।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल और कंट्रोलर डॉ. सुधीर भंडारी ने कहा, "हमने एक नए ट्रेंड पर गौर फरमाया है कि नेगेटिव पाए गए मरीजों में अब सांस लेने में तकलीफ, तनाव, मधुमेह, दिल की बीमारी, किडनी व अग्नाशय में दिक्कत और शारीरिक थकान जैसी समस्याएं देखने को मिल रही हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "हमारी टीम की सलाहों के आधार पर राज्य सरकार ने 21 अक्टूबर को राज्य भर के हर जिला मुख्यालय में पोस्ट-कोविड क्लीनिकों के निर्माण के आदेश जारी किए हैं।"
इन क्लीनिकों में कोरोना से ठीक होने के बाद सामने आ रही अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का उपचार तीन स्तरों पर किया जाएगा, जिसमें फिजियोथेरेपी, मनोचिकित्सा, दिल व किडनियों के नैदानिक परीक्षण इत्यादि शामिल होंगे।
इसके बाद, मरीजों को उपचार, ब्रीदिंग एक्सरसाइज, दैनिक गतिविधि और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी सलाह दिए जाएंगे।
अगर जयपुर से सामने आए आंकड़ों की बात करें, तो कोरोना से ठीक हुए मरीजों के बीमार पड़ने की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है क्योंकि इनमें भी ऊपर बताए गए स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देखने को मिल रही हैं।
अधिकारियों ने बताया, जयपुर में एसएमएस हॉस्पिटल की तरफ से सितंबर में एक पोस्ट-कोविड ओपीडी की स्थापना की गई है, जहां 11,000 से अधिक मरीजों की भिन्न शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें से कई मरीजों को आईसीयू में भी भर्ती कराना पड़ा है।
--आईएएनएस
एसएमएस मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल और कंट्रोलर डॉ. सुधीर भंडारी ने कहा, "हमने एक नए ट्रेंड पर गौर फरमाया है कि नेगेटिव पाए गए मरीजों में अब सांस लेने में तकलीफ, तनाव, मधुमेह, दिल की बीमारी, किडनी व अग्नाशय में दिक्कत और शारीरिक थकान जैसी समस्याएं देखने को मिल रही हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "हमारी टीम की सलाहों के आधार पर राज्य सरकार ने 21 अक्टूबर को राज्य भर के हर जिला मुख्यालय में पोस्ट-कोविड क्लीनिकों के निर्माण के आदेश जारी किए हैं।"
इन क्लीनिकों में कोरोना से ठीक होने के बाद सामने आ रही अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का उपचार तीन स्तरों पर किया जाएगा, जिसमें फिजियोथेरेपी, मनोचिकित्सा, दिल व किडनियों के नैदानिक परीक्षण इत्यादि शामिल होंगे।
इसके बाद, मरीजों को उपचार, ब्रीदिंग एक्सरसाइज, दैनिक गतिविधि और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी सलाह दिए जाएंगे।
अगर जयपुर से सामने आए आंकड़ों की बात करें, तो कोरोना से ठीक हुए मरीजों के बीमार पड़ने की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है क्योंकि इनमें भी ऊपर बताए गए स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देखने को मिल रही हैं।
अधिकारियों ने बताया, जयपुर में एसएमएस हॉस्पिटल की तरफ से सितंबर में एक पोस्ट-कोविड ओपीडी की स्थापना की गई है, जहां 11,000 से अधिक मरीजों की भिन्न शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें से कई मरीजों को आईसीयू में भी भर्ती कराना पड़ा है।
--आईएएनएस
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