Advertisement
धान की बुआई पांच दिन देरी से, 2 साल का पीने का पानी बचेगा
चंडीगढ़। पंजाब
सरकार ने धान की बुआई पिछले वर्षों के मुकाबले पाँच दिन और पीछे करने के
लिए निर्देश जारी कर दिए हैं जिससे आने वाले सावन की फ़सल के सीज़न के
दौरान धान की बुआई 20 जून से शुरू होगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) विश्वजीत खन्ना ने बताया कि पंजाब सरकार ने धान की पनीरी की बिजवाई और धान की बुआई 5 दिन पीछे कर दी है जिस कारण इस साल धान की बिजवाई 20 जून से शुरू होगी। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य मकसद भू-जल के स्तर को और नीचे जाने से रोकना और राज्य को मरूस्थल बनने से रोकना है। गौरतलब है कि पंजाब में भू-जल का स्तर तकरीबन 2.5 फुट प्रति वर्ष नीचे जा रहा है जिससे यह फ़ैसला पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के परामर्श से किया गया है।
कृषि विभाग द्वारा जारी एक नोटिफिकेशन के अनुसार इस साल धान की पनीरी पिछले साल की 15 मई की बजाय 20 मई से लगाऐ जाने की तारीख़ निर्धारित की है। यह नोटिफिकेशन प्रोवीजन आफ पंजाब प्रीजऱवेशन ऑफ सब सोईल वाटर एक्ट 2009 के अधीन जारी किया गया है। इससे पहले सरकार ने 2014 में धान की बुआई की तारीख़ 15 जून निश्चित की है।
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन के एस पन्नूं ने इस फ़ैसले के सकारात्मक पक्षों का जि़क्र करते हुए कहा कि पंजाब के 14 लाख ट्युबवैल इन 5 दिनों में 24 लाख मिलियन लीटर पानी ज़मीन से खींचते हैं। इसलिए 5 दिन की देरी से यह पानी बचाया जा सकेगा, जोकि पूरे पंजाब के घरेलू प्रयोग के 2 साल के पानी के बराबर है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के डायरैक्टर डा. जसबीर सिंह ने इस सम्बन्ध में कहा कि इस फ़ैसले के साथ केवल पानी जैसे कीमती प्राकृतिक साधनों को ही बचाया नहीं जा सकेगा बल्कि कृषि पर आने वाले खर्च को भी घटाया जा सकेगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) विश्वजीत खन्ना ने बताया कि पंजाब सरकार ने धान की पनीरी की बिजवाई और धान की बुआई 5 दिन पीछे कर दी है जिस कारण इस साल धान की बिजवाई 20 जून से शुरू होगी। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य मकसद भू-जल के स्तर को और नीचे जाने से रोकना और राज्य को मरूस्थल बनने से रोकना है। गौरतलब है कि पंजाब में भू-जल का स्तर तकरीबन 2.5 फुट प्रति वर्ष नीचे जा रहा है जिससे यह फ़ैसला पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के परामर्श से किया गया है।
कृषि विभाग द्वारा जारी एक नोटिफिकेशन के अनुसार इस साल धान की पनीरी पिछले साल की 15 मई की बजाय 20 मई से लगाऐ जाने की तारीख़ निर्धारित की है। यह नोटिफिकेशन प्रोवीजन आफ पंजाब प्रीजऱवेशन ऑफ सब सोईल वाटर एक्ट 2009 के अधीन जारी किया गया है। इससे पहले सरकार ने 2014 में धान की बुआई की तारीख़ 15 जून निश्चित की है।
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन के एस पन्नूं ने इस फ़ैसले के सकारात्मक पक्षों का जि़क्र करते हुए कहा कि पंजाब के 14 लाख ट्युबवैल इन 5 दिनों में 24 लाख मिलियन लीटर पानी ज़मीन से खींचते हैं। इसलिए 5 दिन की देरी से यह पानी बचाया जा सकेगा, जोकि पूरे पंजाब के घरेलू प्रयोग के 2 साल के पानी के बराबर है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के डायरैक्टर डा. जसबीर सिंह ने इस सम्बन्ध में कहा कि इस फ़ैसले के साथ केवल पानी जैसे कीमती प्राकृतिक साधनों को ही बचाया नहीं जा सकेगा बल्कि कृषि पर आने वाले खर्च को भी घटाया जा सकेगा।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
चंडीगढ़
पंजाब से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement