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रोजगार बढाने के लिए मोदी सरकार नीति आयोग की बैठक में ले सकती है फैसला
एआईएम के जरिए सरकार देश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) उद्योग में गुणात्मक बदलाव की उम्मीद कर रही है। मोदी के पहले कार्यकाल में उनके कैबिनेट मंत्रियों कलराज मिश्र और गिरिराज सिंह एमएसएमई मंत्रालय को चलाने के दौरान व्यापारिक जगत पर अपने कामकाज की छाप नहीं छोड़ सके थे। मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में इस बेहद खास मंत्रालय की जिम्मेदारी नितिन गडकरी को सौंपी है जो समय पर काम को अंजाम देने के लिए जाने जाते हैं।
गडकरी के नजदीकी एक भाजपा नेता ने बताया कि मोदीजी ने इस प्रोजेक्ट के बारे में गडकरीजी से बात की। वह (गडकरी) इस चुनौती को स्वीकार करने के लिए पूरी इच्छा से तैयार हैं। मुझे पक्का विश्वास है कि एमएसएमई अब सबसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों में से होगा क्योंकि यह सीधे बेरोजगारी की समस्या और तेज औद्योगिक विकास के नहीं होने की समस्या से जूझता है। एक अन्य बड़ा बदलाव अटल टिंकरिंग लैब (एएलटी) के रूप में सामने आया है। यह युवा भारतीय सोच में क्रांतिकारी बदलाव लाने की मोदी की दीर्घकालीन योजना है।
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