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एनएचएम संविदाकर्मियों नेे स्थायीकरण सहित 3 सूत्री मांगों को लेकर दिया ज्ञापन
जयपुर। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत कार्यरत प्रबंधकीय एवं आयुष संवर्ग के संविदाकर्मियों ने स्थायीकरण सहित 3 सूत्री मांगों को लेकर प्रदेशभर से जयपुर आये 400 से अधिक एनएचएम कार्मिकों ने चिकित्सा मंत्री के नाम द्वारा मिशन निदेशक एनएचएम डाॅ.समित शर्मा को शुक्रवार की सायं ज्ञापन दिया। संघ के सदस्य संतोष सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत कार्यरत लगभग 8 हजार संविदाकर्मियों (प्रबंधकीय एवं आयुष संवर्ग) ने शुक्रवार को स्थायीकरण, वित्तीय वर्ष 2017-18 से लम्बित लाॅयल्टी बोनस एवं एनएचएम के तहत विभिन्न कैडरो के मानदेय संबंधी विसंगतियों को यथाशीघ्र दूर करने की मांगों को लेकर मिशन निदेशक एनएचएम को ज्ञापन दिया है।
राज्य स्तर, जिला स्तर, ब्लाॅक, सीएचसी एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक पर कार्यरत लगभग 400 संविदा कार्मिकों ने स्वास्थ्य भवन के सामने एकजुट होकर ही यह ज्ञापन दिया है। ज्ञापन में 25 फरवरी तक मांगों को नहीं माने जाने की स्थिति में 26 फरवरी से सामुहिक अवकाष की चेतावनी भी दी गयी है। उल्लेखनीय है कि जिलो से लगातार जिला अधिकारियों के माध्यम से उक्त मांगों को लेकर पिछले एक माह से ज्ञापन दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि उक्त लाॅयल्टी बोनस एवं वेतन विसंगति को दूर करते हुए भुगतान की कार्यवाही तत्काल की जा सकती है। इस संबंध में भारत सरकार से वर्ष 2017-18 से स्वीकृत है। लेकिन विभागीय स्तर पर मनमाने तरीके से अटका दिया गया है। भारत सरकार की शर्त अनुसार एनएचएम के अनतर्गत भारत सरकार का केन्द्रांश तथा राज्य सरकार का राज्यांश 60: 40 है। प्रतिवर्ष भारत सरकार के अनुरूप 40 प्रतिषत मैचिंग शेयर राज्य सरकार देने हेतु प्रतिबद्ध है। इसके अतिरिक्त उक्त भुगतान करने हेतु राज्य सरकार के उपर कोई वित्तीय भार नहीं पड़ेगा। उक्त बजट से नियमित कर्मचारियों जो एनएचएम में कार्यरत है, उनका वेतन वृद्धि सहित एरियर का भुगतान पहले ही कर दिया गया है। कांग्रेस के जनघोषणा-पत्र में भी एनएचएम में कार्यरत समस्त संविदाकार्मिकों को स्थायी करने की घोषणा की गई थी।
राज्य स्तर, जिला स्तर, ब्लाॅक, सीएचसी एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक पर कार्यरत लगभग 400 संविदा कार्मिकों ने स्वास्थ्य भवन के सामने एकजुट होकर ही यह ज्ञापन दिया है। ज्ञापन में 25 फरवरी तक मांगों को नहीं माने जाने की स्थिति में 26 फरवरी से सामुहिक अवकाष की चेतावनी भी दी गयी है। उल्लेखनीय है कि जिलो से लगातार जिला अधिकारियों के माध्यम से उक्त मांगों को लेकर पिछले एक माह से ज्ञापन दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि उक्त लाॅयल्टी बोनस एवं वेतन विसंगति को दूर करते हुए भुगतान की कार्यवाही तत्काल की जा सकती है। इस संबंध में भारत सरकार से वर्ष 2017-18 से स्वीकृत है। लेकिन विभागीय स्तर पर मनमाने तरीके से अटका दिया गया है। भारत सरकार की शर्त अनुसार एनएचएम के अनतर्गत भारत सरकार का केन्द्रांश तथा राज्य सरकार का राज्यांश 60: 40 है। प्रतिवर्ष भारत सरकार के अनुरूप 40 प्रतिषत मैचिंग शेयर राज्य सरकार देने हेतु प्रतिबद्ध है। इसके अतिरिक्त उक्त भुगतान करने हेतु राज्य सरकार के उपर कोई वित्तीय भार नहीं पड़ेगा। उक्त बजट से नियमित कर्मचारियों जो एनएचएम में कार्यरत है, उनका वेतन वृद्धि सहित एरियर का भुगतान पहले ही कर दिया गया है। कांग्रेस के जनघोषणा-पत्र में भी एनएचएम में कार्यरत समस्त संविदाकार्मिकों को स्थायी करने की घोषणा की गई थी।
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