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राज्य में कृषि आयोग गठित करने पर विचार - डॉ. मारकण्डा
शिमला । राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश में कृषि आयोग गठित करने पर विचार कर रही है। कृषि मंत्री डॉ. राम लाल मारकण्डा यहां हिमाचल किसान यूनियन के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।
बैठक में यूनियन ने हिमाचल प्रदेश के लिए कृषि आयोग गठित करने की मांग की, जिस पर डॉ. राम लाल मारकण्डा ने कहा कि यह मामला वह स्वयं मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के साथ उठाएंगे, जिस पर सरकार गंभीरतापूर्ण विचार करेगी। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने को प्रतिबद्ध है और इस दिशा में अनेकों कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि मंडी में मक्की पर आधारित उद्योग, जबकि सोलन में टमाटर आधारित उद्योग और कांगड़ा में चिप्स पर आधारित उद्योग लगाने पर विचार किया जा रहा है। उद्योग लगने के बाद राज्य के हज़ारों किसानों को लाभ पहुंचेगा।
किसान यूनियन ने बैठक में बेसहारा पशुओं से फसलों को होने वाले नुकसान का मुद्दा भी उठाया। इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस समस्या को दूर करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। किसानों को सोलर फैंसिंग लगाने के लिए 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है, ताकि उनकी फसलों को जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान से छुटकारा मिल सके। राज्य सरकार इसके साथ-साथ प्रदेश के सभी जिलों में गौ अभ्यारण्य (काऊ सेंक्चुरी) बनाने जा रही है, जिसमें बेसहारा पशुओं को रखा जायेगा। पहली काऊ सेंक्चुरी सिरमौर के कोटला में बनाई जा रही है। गौ अभ्यारण्य बनने के बाद लोगों को सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं की परेशानी से छुटकारा मिलेगा और किसानों की फसल नष्ट होने से बचाई जा सकेगी।
बैठक में यूनियन ने 29 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। किसानों की मांगों को डॉ. राम लाल मारकण्डा ने गंभीरतापूर्वक सुना और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
इससे पहले हिमाचल किसान यूनियन के महासचिव सीता राम वर्मा ने बैठक में कृषि मंत्री डॉ. राम लाल मारकण्डा का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यूनियन के गठन के 29 वर्ष बाद पहली बार किसी सरकार ने उन्हें बैठक के लिए आमंत्रित किया है, जिसके लिए वह राज्य सरकार के आभारी हैं। यूनियन के अध्यक्ष सुंका राम ठाकुर ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया।
बैठक में कृषि विभाग के निदेशक डॉ. देसराज शर्मा, विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और हिमाचल किसान यूनियन के 11 जिलों से आए प्रतिनिधि शामिल हुए।
बैठक में यूनियन ने हिमाचल प्रदेश के लिए कृषि आयोग गठित करने की मांग की, जिस पर डॉ. राम लाल मारकण्डा ने कहा कि यह मामला वह स्वयं मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के साथ उठाएंगे, जिस पर सरकार गंभीरतापूर्ण विचार करेगी। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने को प्रतिबद्ध है और इस दिशा में अनेकों कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि मंडी में मक्की पर आधारित उद्योग, जबकि सोलन में टमाटर आधारित उद्योग और कांगड़ा में चिप्स पर आधारित उद्योग लगाने पर विचार किया जा रहा है। उद्योग लगने के बाद राज्य के हज़ारों किसानों को लाभ पहुंचेगा।
किसान यूनियन ने बैठक में बेसहारा पशुओं से फसलों को होने वाले नुकसान का मुद्दा भी उठाया। इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस समस्या को दूर करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। किसानों को सोलर फैंसिंग लगाने के लिए 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है, ताकि उनकी फसलों को जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान से छुटकारा मिल सके। राज्य सरकार इसके साथ-साथ प्रदेश के सभी जिलों में गौ अभ्यारण्य (काऊ सेंक्चुरी) बनाने जा रही है, जिसमें बेसहारा पशुओं को रखा जायेगा। पहली काऊ सेंक्चुरी सिरमौर के कोटला में बनाई जा रही है। गौ अभ्यारण्य बनने के बाद लोगों को सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं की परेशानी से छुटकारा मिलेगा और किसानों की फसल नष्ट होने से बचाई जा सकेगी।
बैठक में यूनियन ने 29 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। किसानों की मांगों को डॉ. राम लाल मारकण्डा ने गंभीरतापूर्वक सुना और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
इससे पहले हिमाचल किसान यूनियन के महासचिव सीता राम वर्मा ने बैठक में कृषि मंत्री डॉ. राम लाल मारकण्डा का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यूनियन के गठन के 29 वर्ष बाद पहली बार किसी सरकार ने उन्हें बैठक के लिए आमंत्रित किया है, जिसके लिए वह राज्य सरकार के आभारी हैं। यूनियन के अध्यक्ष सुंका राम ठाकुर ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया।
बैठक में कृषि विभाग के निदेशक डॉ. देसराज शर्मा, विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और हिमाचल किसान यूनियन के 11 जिलों से आए प्रतिनिधि शामिल हुए।
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