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सरकार ने बताया, माओवादी देश के लिए खतरा, सुनवाई टली

khaskhabar.com : सोमवार, 17 सितम्बर 2018 6:48 PM (IST)
सरकार ने बताया, माओवादी देश के लिए खतरा, सुनवाई टली
नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय में नक्सलियों से संपर्क रखने और गैरकानूनी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार मार्क्सवादी चिंतकों की सुनवाई 19 सितंबर तक के लिए टाल दी गई है। अब ऐसी स्थिति में अरेस्ट किए गए 5 माओवादी चिंतकों को दो और दिन तक हाउस अरेस्ट रहना पडेगा। इससे पूर्व सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में बताया कि इन लोगों की वजह से देश में शांति भंग का खतरा है। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने 5 आरोपियों के खिलाफ पुणे पुलिस की ओर से जुटाई गई सामग्री की जांच करने की बात कही।

राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता तुषार मेहता ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी केवल भीमा कोरेगांव के मामले में गिरफ्तार नहीं हुए हैं, आशंका है कि वो देश में शाति भंग करने के प्रयास में जुटे हुए हैं। दूसरी तरफ इन आरोपों का खंडन करते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस मामले की एसआईटी से जांच होनी चाहिए या फिर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराई जाए।

केस की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने बताया कि हम किसी अतिवादी प्रचार के साथ नहीं हैं, लेकिन यह देखना चाहते हैं कि मामला सीआरपीसी के तहत या फिर संविधान के अनुच्छेद 32 से जुड़ा है या नहीं। केंद्र की ओर से पेश अधिवक्ता महिंदर सिंह ने कहा कि माओवादियों का खतरा देश में बढता जा रहा है। वांछित लोग असामाजिक गतिविधियों को बढ़ाने में शामिल हैं और इनसे देश को खतरा है।

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