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इजरायल में रॉकेट हमले में मारी गई केरल की महिला का शव भारत लाया जाएगा
तिरुवनंतपुरम। इजरायली शहर अश्केलोन में एक रॉकेट हमले में मारी गई केरल की महिला सौम्या संतोष का शव उसके घर लाया जाएगा। सौम्या वहां नर्स (केयरगिवर) के रूप में काम करती थीं।
31 साल की सौम्या पिछले नौ सालों से इजरायल में काम कर रही थीं और वह चार साल पहले इडुक्की अपने घर आई थी।
सूत्रों ने कहा कि इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहा संघर्ष अब केरल की नर्सों के लिए बढ़ती चिंता का विषय बन गया हैं।
घटना को याद करते हुए, सौम्या के पति संतोष ने कहा कि वे एक वीडियो कॉल पर बात कर रहे थे और अचानक उन्होंने एक भयानक शोर सुना और दूसरी तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
संतोष ने बताया, "थोड़ी देर के बाद, मैंने कुछ लोगों का शोर सुना क्योंकि वीडियो कॉल कनेक्ट हो गया। बाद में, मुझे बताया गया कि वह कुछ अन्य लोगों के साथ मर गई है।"
"हमने उसे दूसरी जगह जाने के लिए कहा था और वह एक बुजुर्ग महिला की देखभाल कर रही थी।"
इस बीच केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने बताया कि सौम्या के शव को घर लाने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं, जिसे अब बुर्सेल, अश्केलोन के एक अस्पताल में रखा गया है।
--आईएएनएस
31 साल की सौम्या पिछले नौ सालों से इजरायल में काम कर रही थीं और वह चार साल पहले इडुक्की अपने घर आई थी।
सूत्रों ने कहा कि इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहा संघर्ष अब केरल की नर्सों के लिए बढ़ती चिंता का विषय बन गया हैं।
घटना को याद करते हुए, सौम्या के पति संतोष ने कहा कि वे एक वीडियो कॉल पर बात कर रहे थे और अचानक उन्होंने एक भयानक शोर सुना और दूसरी तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
संतोष ने बताया, "थोड़ी देर के बाद, मैंने कुछ लोगों का शोर सुना क्योंकि वीडियो कॉल कनेक्ट हो गया। बाद में, मुझे बताया गया कि वह कुछ अन्य लोगों के साथ मर गई है।"
"हमने उसे दूसरी जगह जाने के लिए कहा था और वह एक बुजुर्ग महिला की देखभाल कर रही थी।"
इस बीच केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने बताया कि सौम्या के शव को घर लाने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं, जिसे अब बुर्सेल, अश्केलोन के एक अस्पताल में रखा गया है।
--आईएएनएस
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