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'वायुसेना को किसी भी कीमत पर राफेल चाहिए, इससे एयर फोर्स होगी मजबूत'
नई दिल्ली। राफेल डील विवाद ने देश की राजनीति में तूफान ला दिया है। भारतीय वायु सेना के उप प्रमुख एयर मार्शल रघुनाथ नंबियार ने कु छ दिन पूर्व विमान को उड़ाया और उसकी बहुत तारीफ की। रघुनाथ ने बताया कि मुझे राफेल उड़ाने का मौका मिला, हम इससे बहुत संतुष्ट है।
रधुनाथ ने कहा कि मुझे लगता है कि लोगों को गलत जानकारी दी जा रही है। इसमें ऑफसेट के नाम पर 30,000 करोड़ की बात नहीं है, वह सिर्फ 6500 करोड़ का ही अनुबंध देगी, इससे ज्यादा देने का काम नहीं है। उप प्रमुख ने बताया कि जो सौदा 2008 में की गई थी, ये उससे बहुत अच्छा सौदा है, इसमें हमें अच्छी तकनीक, रखरखाव मिल रहा है।
दूसरी ओर, एयरफोर्स के डिप्टी चीफ शिरीष बबन देव ने भी इस सौद की तारीफ की है। उन्होंने बताया कि राफेल का उत्पादन शुरू हो चुका है, इससे सिर्फ राफेल ही नहीं बल्कि किसी भी जहाज का पुर्जा बनाया जा सकेगा।डिप्टी चीफ देव ने बताया कि ये बात व्यावसायिक है, जो फै्रंच कंपनी है उसको जानकारी है कि ये ऑफसेट की है। उन्हें पता है कैसे सर्विस करना है, किसके पास जाना है, यह सब सरकार दबाव नहीं डाल सके गी।
उन्होंने बताया कि नियमों के अनुसार सरकार उन पर कैसे दबाव डाल सकती है। यदि आप कम्पनी चलानी है और आप सरकार के दबाव में कब तक कम्पनी का नुकसान करवाओगे। राफेल आने से देश को नुकसान नहीं होगा लेकिन नहीं आएंगे तो एयरफोर्स जरूर नुकसान हो जाएगा। हमें तो किसी भी कीमत पर राफेल चाहिए।
रधुनाथ ने कहा कि मुझे लगता है कि लोगों को गलत जानकारी दी जा रही है। इसमें ऑफसेट के नाम पर 30,000 करोड़ की बात नहीं है, वह सिर्फ 6500 करोड़ का ही अनुबंध देगी, इससे ज्यादा देने का काम नहीं है। उप प्रमुख ने बताया कि जो सौदा 2008 में की गई थी, ये उससे बहुत अच्छा सौदा है, इसमें हमें अच्छी तकनीक, रखरखाव मिल रहा है।
दूसरी ओर, एयरफोर्स के डिप्टी चीफ शिरीष बबन देव ने भी इस सौद की तारीफ की है। उन्होंने बताया कि राफेल का उत्पादन शुरू हो चुका है, इससे सिर्फ राफेल ही नहीं बल्कि किसी भी जहाज का पुर्जा बनाया जा सकेगा।डिप्टी चीफ देव ने बताया कि ये बात व्यावसायिक है, जो फै्रंच कंपनी है उसको जानकारी है कि ये ऑफसेट की है। उन्हें पता है कैसे सर्विस करना है, किसके पास जाना है, यह सब सरकार दबाव नहीं डाल सके गी।
उन्होंने बताया कि नियमों के अनुसार सरकार उन पर कैसे दबाव डाल सकती है। यदि आप कम्पनी चलानी है और आप सरकार के दबाव में कब तक कम्पनी का नुकसान करवाओगे। राफेल आने से देश को नुकसान नहीं होगा लेकिन नहीं आएंगे तो एयरफोर्स जरूर नुकसान हो जाएगा। हमें तो किसी भी कीमत पर राफेल चाहिए।
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