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दक्षिण भारत में बन रहा है आतंक का अड्डा, यहां जानिए क्यों
टी.के. कुमार ने कहा कि यह एक सुसंगठित संगठन द्वारा चलाया गया ऑपरेशन था। यह अचानक किया गया हमला था जो 10 मिनट तक चला। हमला एक समुदाय विशेष द्वारा किया गया था। एक हमलावर मोहम्मद अश्कर भी घटना के दौरान मारा गया। पुलिस ने हत्या के दो दिन बाद मस्जिद से विस्फोटक व हथियार बरामद किए। केरल की अपराध शाखा ने इस अपराध में शामिल 147 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए। कुछ लोगों ने इसमें जेआईएएम का हाथ होने का भी संदेह जताया।
आतंक के केंद्र के रूप में सामान्यतया उत्तर भारत को माना जाता है लेकिन महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में कई वर्षो से इनकी गतिविधियां रही हैं। आतंक का केंद्र हमेशा उत्तर भारत रहा है, लेकिन असलियत में यह महाराष्ट्र और दक्षिण भारतीय राज्यों में वर्षो से रहा है। इसकी वंशावली का संकेत जेआईएएम में देखा जा सकता है। मध्य-पूर्व आतंकी नेटवर्क को जेएआईएम के रूप में जाना जाता है और शाहिद बिलाल के बाद कर्नाटक में भटकल उभरा और हैदराबाद में खतरनाक अमजद एलईटी ने आतंकी गुट को प्रमोट किया जिसका भांडाफोड़ 2010 में उसकी गिरफ्तारी के साथ हुआ।
(आईएएनएस)
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