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गुजरात में यूपी,बिहार के लोगों को बनाया जा रहा है निशाना, हिंसक-प्रदर्शन
अहमदाबाद। मासूम के साथ हुई रेप की घटना के विरूद्ध में अहमदाबाद में विरोध-प्रदर्शन ने हिंसक रूप धारण कर लिया है। प्रदर्शनकारियों के निशाने पर उत्तरी भारतीय उत्तर प्रदेश, बिहार के लोग हैं। इनको मारने के पीछे यह बताया जा रहा है कि बलात्कारी बिहार का रहने वाला था। यही मुख्य वजह है कि स्थानीय निवासियों के निशाने पर उत्तर भारतीय हैं। मिली जानकारी के अनुसार, 23 वर्षीय ऑटोरिक्शा चालक केदारनाथ मूल रूप से यूपी के सुलतानपुर का रहने वाला है।
उसने पुलिस को बताया कि करीब 25 लोगों ने चांदलोडिया पुल पर उसके साथ मारपीट की गई। उसने बताया कि एक भीड़ सब्जी के ठेलों को पलट रही थी और लोगों को पीट रही थी। जब केदार ने भागने का प्रयास किया तो उसे रोका गया। इसके बाद भीड ने उसके रिक्शे की विंडशील्ड तोड़ दी, और उसे पीटा। उसने बताया कि उसकी उंगली टूट गई है और कंधा भी टूट गया। लोग चिल्ला रहे थे, बाहरी लोग प्रदेश छोड़ दें और गुजराती लोगों को बचाया जाना चाहिए। पुलिस ने बताया कि भीड़ ने 8 गाडिय़ां, एक लोडिंग रिक्शा और एक टू-वीलर को तोड़ दिया है। केदार ने भीड़ में से 10 लोगों को पहचान लिया है, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
दूसरी घटना, साबरमती की बताई जा है एक महिला प्रतिमा कोरी स्किन एक्सपर्ट को साबरमती में रेलवे ब्रिज के पास घर जाने के दौरान चार लोगों ने रोक लिया। वे लोग उसका पीछा करने लगे और गालियां देने लगे। कहने लगे कि यूपी और बिहार के लोग गुजरात छोड़ दें, नहीं तो मार दिया जाएगा। प्रतिमा ने बताया कि वह डरकर भागने लगीं। प्रतिमा का जन्म यूपी के फैजाबाद में हुआ लेकिन वह पली-बढ़ी साबरमती में ही है।
उल्लेखनीय है कि साबरकांठा में एक मजदूर ने 28 सितंबर को 14 महीने की बच्ची से बलात्कार किया था। आरोपी रवींद्र कुमार बिहार का रहने वाला बताया जा रहा है। वह एक फैक्ट्री में काम करता था। घटना के बाद से विरोध-प्रदर्शन चल रहे हैं। साबरकांठा में एक हफ्ते पहले और वडनगर में मंगलवार को प्रदर्शन किए गए। वडनगर में कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर के नेतृत्व में प्रदर्शन हिंसक हो गए हैं। इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा।
उसने पुलिस को बताया कि करीब 25 लोगों ने चांदलोडिया पुल पर उसके साथ मारपीट की गई। उसने बताया कि एक भीड़ सब्जी के ठेलों को पलट रही थी और लोगों को पीट रही थी। जब केदार ने भागने का प्रयास किया तो उसे रोका गया। इसके बाद भीड ने उसके रिक्शे की विंडशील्ड तोड़ दी, और उसे पीटा। उसने बताया कि उसकी उंगली टूट गई है और कंधा भी टूट गया। लोग चिल्ला रहे थे, बाहरी लोग प्रदेश छोड़ दें और गुजराती लोगों को बचाया जाना चाहिए। पुलिस ने बताया कि भीड़ ने 8 गाडिय़ां, एक लोडिंग रिक्शा और एक टू-वीलर को तोड़ दिया है। केदार ने भीड़ में से 10 लोगों को पहचान लिया है, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
दूसरी घटना, साबरमती की बताई जा है एक महिला प्रतिमा कोरी स्किन एक्सपर्ट को साबरमती में रेलवे ब्रिज के पास घर जाने के दौरान चार लोगों ने रोक लिया। वे लोग उसका पीछा करने लगे और गालियां देने लगे। कहने लगे कि यूपी और बिहार के लोग गुजरात छोड़ दें, नहीं तो मार दिया जाएगा। प्रतिमा ने बताया कि वह डरकर भागने लगीं। प्रतिमा का जन्म यूपी के फैजाबाद में हुआ लेकिन वह पली-बढ़ी साबरमती में ही है।
उल्लेखनीय है कि साबरकांठा में एक मजदूर ने 28 सितंबर को 14 महीने की बच्ची से बलात्कार किया था। आरोपी रवींद्र कुमार बिहार का रहने वाला बताया जा रहा है। वह एक फैक्ट्री में काम करता था। घटना के बाद से विरोध-प्रदर्शन चल रहे हैं। साबरकांठा में एक हफ्ते पहले और वडनगर में मंगलवार को प्रदर्शन किए गए। वडनगर में कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर के नेतृत्व में प्रदर्शन हिंसक हो गए हैं। इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा।
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