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अमरनाथ यात्रा रद्द करने की याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें कोरोनावायरस के चलते अमरनाथ यात्रा में आम लोगों/श्रद्धालुओं की गतिविधि सीमित करने या यात्रा रद्द करने को लेकर केंद्र, जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन और श्री अमरनाथ श्राईन बोर्ड को निर्देश देने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वे कार्यपालिका और जिला प्रशासन के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं दे सकते। याचिकाकर्ता ने इसके विकल्प के रूप में इंटरनेट या टीवी के जरिए भगवान अमरनाथ के दर्शन की मांग की, ताकि देश में करोड़ों लोग इसे देख सके।
न्यायमूर्ति डी.वी. चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, "शक्तियों के अलग-अलग होने के सिद्धांतों का सम्मान करते हुए..हम इसे संबंधित प्रशासन पर छोड़ते हैं। हम इस याचिका पर सुनवाई करने नहीं जा रहे हैं। अदालत ने पाया है कि वार्षिक जत्थे को इजाजत दी जाएगी या फिर जरूरी सुरक्षा पर ध्यान रखा जाएगा कि नहीं, यह राज्य की कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में आता है।"
न्यायमूर्ति ने अमरनाथ बर्फानी लंगर संगठन के वकील से कहा कि चाहे आप जिस भी समस्या के बारे में बता रहे हैं, हम जिला प्रशासन के संचालन में दखल नहीं दे सकते।
याचिकाकर्ता ने कहा कि हर साल लाखों श्रद्धालु अमरनाथ गुफा दर्शन करने जाते हैं, और अगर इसकी इजाजत दी गई, तो इससे महामारी के फैलने का खतरा बढ़ जाएगा।
--आईएएनएस
न्यायमूर्ति डी.वी. चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, "शक्तियों के अलग-अलग होने के सिद्धांतों का सम्मान करते हुए..हम इसे संबंधित प्रशासन पर छोड़ते हैं। हम इस याचिका पर सुनवाई करने नहीं जा रहे हैं। अदालत ने पाया है कि वार्षिक जत्थे को इजाजत दी जाएगी या फिर जरूरी सुरक्षा पर ध्यान रखा जाएगा कि नहीं, यह राज्य की कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में आता है।"
न्यायमूर्ति ने अमरनाथ बर्फानी लंगर संगठन के वकील से कहा कि चाहे आप जिस भी समस्या के बारे में बता रहे हैं, हम जिला प्रशासन के संचालन में दखल नहीं दे सकते।
याचिकाकर्ता ने कहा कि हर साल लाखों श्रद्धालु अमरनाथ गुफा दर्शन करने जाते हैं, और अगर इसकी इजाजत दी गई, तो इससे महामारी के फैलने का खतरा बढ़ जाएगा।
--आईएएनएस
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