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सुप्रीम कोर्ट का फैसला,सेना में महिला अधिकारियों को मिलेगा स्थाई कमीशन
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सेना में महिला अधिकारियों के मामले में बड़ा फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक, सेना में महिला अधिकारियों को मिलेगा स्थाई कमीशन मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर मुहर लगा दी है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि भारत की नारी शक्ति को बधाई। मोदी सरकार के कड़े विरोध के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने सेना में महिलाओं के स्थायी कमीशन को मंजूरी दी, कहा कि महिलाओं को हक न देना केंद्र के पूर्वाग्रह को दिखाता है। मोदी जी, नारी को भारत मां की सेवा से रोकने के मसूंबे हुए फेल। आपको बताते जाए कि 2010 में दिल्ली हाई कोर्ट से लड़ाई जीतने के बावजूद महिला अधिकारियों को सरकार के बेपरवाह रवैये के चलते अपना हक नहीं मिला था।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्देश देते हुए कहा कि महिला अधिकारी सेना में कमांड पोस्टिंग के लिए पात्र होंगी। शीर्ष अदालत ने कहा कि महिला सेना अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिए 2019 की केंद्र सरकार की नीति का निर्णय सभी महिला अधिकारियों पर लागू होगा।यह इसे चुनने वाली किसी भी महिला अधिकारी के लिए लागू होगा और 14 साल की सेवा या उससे ज्यादा समय तक सेवा देने वाली सभी महिलाओं के लिए होगा। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच ने निर्णय सुनाते हुए कहा कि सेना में महिला अधिकारियों की नियुक्ति विकासवादी प्रक्रिया बताई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि जब रोक नहीं लगाई गई, फिर भी केंद्र ने हाईकोर्ट के फैसले को लागू नहीं किया। हाईकोर्ट के फैसले पर कार्रवाई करने का कोई कारण या औचित्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट के 9 साल के फैसले के बाद केंद्र 10 धाराओं के लिए नई नीति लेकर आया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, दृष्टिकोण और मानसिकता बदले केंद्र
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्देश देते हुए कहा कि महिला अधिकारी सेना में कमांड पोस्टिंग के लिए पात्र होंगी। शीर्ष अदालत ने कहा कि महिला सेना अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिए 2019 की केंद्र सरकार की नीति का निर्णय सभी महिला अधिकारियों पर लागू होगा।यह इसे चुनने वाली किसी भी महिला अधिकारी के लिए लागू होगा और 14 साल की सेवा या उससे ज्यादा समय तक सेवा देने वाली सभी महिलाओं के लिए होगा। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच ने निर्णय सुनाते हुए कहा कि सेना में महिला अधिकारियों की नियुक्ति विकासवादी प्रक्रिया बताई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि जब रोक नहीं लगाई गई, फिर भी केंद्र ने हाईकोर्ट के फैसले को लागू नहीं किया। हाईकोर्ट के फैसले पर कार्रवाई करने का कोई कारण या औचित्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट के 9 साल के फैसले के बाद केंद्र 10 धाराओं के लिए नई नीति लेकर आया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, दृष्टिकोण और मानसिकता बदले केंद्र
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