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बसपा MP राय संसद जाने से पहले जा सकते हैं जेल, यहां जानिए क्या है मामला
नई दिल्ली/लखनऊ। सर्वोच्च न्यायालय ने दुष्कर्म मामले में सोमवार को नवनिर्वाचित बसपा सांसद अतुल राय की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें 23 मई को आम चुनाव के अंत तक गिरफ्तारी से रोक की मांग की गई थी।
दुष्कर्म का मामला दर्ज होने के बाद से फरार चल रहे राय ने अपनी याचिका वापस लेना बेहतर समझा।
एक मई को वाराणसी के एक पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी में एक कॉलेज की छात्रा ने उत्तर प्रदेश के घोसी से नवनिर्वाचित बसपा सांसद राय पर यौन शोषण का आरोप लगाया था ।
राय के वकील ने इस मामले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि यह बस आम चुनाव में बसपा नेता को प्रचार करने से रोकने और उन्हें चुनाव में हराने के लिए किया गया। राय ने लोकसभा चुनावों में अपने निकटतम भाजपा प्रतिद्वंद्वी हरि नारायण राजभर को 1,22,018 मतों से हराकर घोसी सीट जीती है।
छात्रा ने आरोप लगाया कि अतुल सिंह ने उसे पत्नी से मिलाने के लिए आवास पर बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता का आरोप है कि अतुल ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी। अतुल सिंह ने कहा कि युवती उनके ऑफिस आकर चुनाव लड़ने के नाम पर चंदा लेती थी और चुनाव में प्रत्याशी बनने के बाद ब्लैकमेल करने का प्रयास किया।
राय के वकील ने इस मामले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि यह बस आम चुनाव में बसपा नेता को प्रचार करने से रोकने और उन्हें चुनाव में हराने के लिए किया गया। राय ने लोकसभा चुनावों में अपने निकटतम भाजपा प्रतिद्वंद्वी हरि नारायण राजभर को 1,22,018 मतों से हराकर घोसी सीट जीती है।
छात्रा ने आरोप लगाया कि अतुल सिंह ने उसे पत्नी से मिलाने के लिए आवास पर बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता का आरोप है कि अतुल ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी। अतुल सिंह ने कहा कि युवती उनके ऑफिस आकर चुनाव लड़ने के नाम पर चंदा लेती थी और चुनाव में प्रत्याशी बनने के बाद ब्लैकमेल करने का प्रयास किया।
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