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पुरोहित जी के कटले के महरवान के मंदिर में विशेष पूजा अर्चना
जयपुर। जयपुर के पुरोहित जी के कटले के प्राचीनतम मंदिर महरवान बाबा पुरोहित के मंदिर में आज विशेष पूजा अर्चना और भोजन प्रसादी का आयोजन किया गया। महरवान पुरोहित का मंदिर जयपुर बसावट से पूर्व करीब 600 साल पुराना है।
पं. धु्रवनारायण पुरोहित ने बताया कि निरंजनी संत बाबा महरवान ने देवी लक्ष्मी के साक्षात दर्शन पर पुरोहित जी के कटले में इस स्थान पर लक्ष्मजयी को जब तक वे वापिस नहीं आए तब तक यही विराजमान रहने का निवेदन कर चले गए और फिर साधु बनकर निकल गए। उन्होंने बताया कि लक्ष्मी जी वचनवद्ध होने से तब से यहां विराजमान है।
पुरोहित सभा जयपुर के सचिव केके पुरोहित ने बताया कि संत महरवान के प्रताप से जयपुरबसने के बाद पुरोहित जी का कटला लक्ष्मी जी के निवास के कारण जयपुर का प्रमुख औद्योगिक केन्द्र बना और यहां पर कारोबार करने वालों ने दिन दुनी रात चैगुनी प्रगति की। इस अवसर पर पुरोहित परिवार के वंषजों, परिजनों और मित्रों ने पूजा अर्चना की और प्रसाद ग्रहण किया।
पं. धु्रवनारायण पुरोहित ने बताया कि निरंजनी संत बाबा महरवान ने देवी लक्ष्मी के साक्षात दर्शन पर पुरोहित जी के कटले में इस स्थान पर लक्ष्मजयी को जब तक वे वापिस नहीं आए तब तक यही विराजमान रहने का निवेदन कर चले गए और फिर साधु बनकर निकल गए। उन्होंने बताया कि लक्ष्मी जी वचनवद्ध होने से तब से यहां विराजमान है।
पुरोहित सभा जयपुर के सचिव केके पुरोहित ने बताया कि संत महरवान के प्रताप से जयपुरबसने के बाद पुरोहित जी का कटला लक्ष्मी जी के निवास के कारण जयपुर का प्रमुख औद्योगिक केन्द्र बना और यहां पर कारोबार करने वालों ने दिन दुनी रात चैगुनी प्रगति की। इस अवसर पर पुरोहित परिवार के वंषजों, परिजनों और मित्रों ने पूजा अर्चना की और प्रसाद ग्रहण किया।
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