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देश की आजादी के पहले से '303 राइफल ' UP पुलिस की खास साथी रही , अब आखिरी परेड गणतंत्र दिवस पर होगी
पुलिस का जवान या अफसर जब 'ट्रिगर' दबाता था तभी गूंजती थी, जिस थ्री नाट थ्री राइफल की..बहरा कर देने वाली बुलंद आवाज। वो बुलंद आवाज जिसमें होता था, नीम-बेहोश को भी होश में लाकर खड़ा कर लेने का दम। उसी का तो नाम था 'थ्री-नॉट-थ्री राइफल'। देश के अधिकांश खाकी वदीर्धारी जवानों को हर मोर्चे पर फतेह दिलाने वाली थ्री नाट थ्री राइफल।
वो राइफल जिसे, कंधे पर लटकाने वाले हर पुलिसिया जवान की बदल जाती थी किसी जमाने में आवाज और चाल। सिर्फ और सिर्फ एक अदद थ्री नाट थ्री राइफल के कंधे पर लटके होने के अहसास से। जिस जवान के हाथ में मौजूद होती थी, लोडिड थ्री नाट थ्री राइफल, उसे मोर्चे पर फिर शायद ही कभी सामने मुंह बाये खड़ी मौत से भी कभी डर लगा हो।
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लखनऊ
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