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दक्षिण एशिया का पहला हाईटैक हार्ट सीटी स्कैनर भारत में स्थापित : नडडा

khaskhabar.com : रविवार, 04 दिसम्बर 2016 1:00 PM (IST)
दक्षिण एशिया का पहला हाईटैक हार्ट सीटी स्कैनर भारत में स्थापित : नडडा
बिलासपुर । केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करना सरकार के लिए एक शीर्ष प्राथमिकता है स्वास्थ्य मंत्री जेपी नडडा ने भारत में पहले उन्नत कार्डियक दोहरी स्रोत दोहरी ऊर्जा सीटी स्कैनर का भी उद्घाटन किया। हाई टैक्नालाजी युक्त यह सीटी स्कैनर दक्षिण एशिया में अपनी तरह का पहला है जो कि कुछ ही सेकंड के भीतर हार्ट संबधित चुनौतियों को नष्ट करने में सक्षम है। और हृदय रोग संबधित सभी प्रकार की जांच के लिए यह बहुमुखी उपकरण है।
6 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान देश भर में पहले से ही कार्यरत है जबकि 12 नये एम्स को देश के विभिन्न भागों में स्थापित किया जा रहा है। नडडा ने कहा कि देश भर के मौजूदा प्रमुख मेडिकल कॉलेजों को भी बुनियादी ढांचे और अन्य सुविधाओं के साथ उन्नत किया जा रहा है। मेडिकल शिक्षकों को भी चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में मानकों को लागू करने में बारीकी से नीति नियोजन, विनियमन के लिये शामिल किया जाएगा । केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नडडा एम्स के 44 वें दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे ।
अपने अध्यक्षीय भाषण में नडडा ने आश्वासन दिया कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सभी नये खुलने वाले एम्स संस्थान एक जैसे ही मानकों को पूरा करेगें और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स नई दिल्ली की तर्ज पर ही अपनी सेवा देंगें है। नड्डा ने कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों ने न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बेंचमार्क बनाया है और हमें नए खुलने वाले सभी एम्स में इसे दोहराने की कोशिश करनी होगी । उन्होंने कहा कि सभी नए खुलने वाले एम्स संस्थान पूर्ण रूप से एम्स होंगे न कि एम्स की तरह होंगे। लागत प्रभावी और सस्ती स्वास्थ्य सेवा की चुनौतियों मजबूत बनाने और इसकी सुविधाओं के विस्तार की एम्स को जरूरत है। जिसको उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध हैं ।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा भारत को अन्य देशों की तरह विपरीत संचारी और गैर संचारी रोगों के दोहरे बोझ का सामना करना पड़ता है। जिसके समाधान करने के लिए केवल एम्स जैसे संस्थान ही अपना बहुमुखी योगदान कर रहा है अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एक साल में लगभग 40 लाख रोगियों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ देकर सीधे देश में न केवल स्वास्थ्य परिदृश्य को प्रभावित करती है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनिवार्य स्वास्थ्य सूचकांकों पर आगे बढ़ रहा है ।
स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने दोहराया कि सभी के लिए स्वास्थ्य एक राष्ट्रीय लक्ष्य है और सरकार की प्राथमिकता है। अगले दो वर्षों में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली की क्षमता को दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अतिरिक्त नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के द्वारा प्रशिक्षण स्नातक से नीचे और मौजूदा मेडिकल कॉलेजों में स्नातकोत्तर के लिए क्षमता बढ़ाने के प्रयास किये जायेंगे ।
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