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एमपी ने किसान के बेटे की खुदकुशी, खटिए पर ले जाया गया शव
टीकमगढ़ | बुंदेलखंड में किसान और
उनके परिजनों की आत्महत्या करने का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। मध्य
प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में गुरुवार की देर रात एक किसान के बेटे धनीराम
कुशवाहा (28) ने रोजगार के अभाव में पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली। वहीं,
वाहन का इंतजाम नहीं होने की वजह से शव को पोस्टमार्टम के लिए खटोली पर ले
जाया गया।
पृथ्वीपुर थाने के बरगोला खिरक निवासी धनीराम के पिता मिटठू कुशवाहा ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि उनकी डेढ़ एकड़ जमीन है, जिसमें सूखे के कारण खेती नहीं हो पाई। बेरोजगार होने की वजह से धनीराम काफी परेशान था। वह दिल्ली जाने को कह रहा था। जब उसके लिए जीवन जीने का कोई रास्ता नहीं बचा तो उसने यह कदम उठा लिया।
ग्रामीणों के मुताबिक, पेड़ से लटककर आत्महत्या करने के बाद धनीराम के शव को पोस्टमार्टम के लिए पृथ्वीपुर ले जाना था, लेकिन वाहन का इंतजाम न होने पर उसके शव को खटोली पर ही ले जाने का फैसला किया गया। शव को खटोली पर रखकर लगभग दो किलोमीटर दूर स्वास्थ्य केंद्र तक ले जाया गया।
पृथ्वीपुर के अनुविभागीय अधिकारी, पुलिस (एसडीओ, पी) एल एस मिश्रा ने आईएएनएस से कहा कि आत्महत्या करने वाला किसान नहीं था, बल्कि किसान का बेटा था, उसने आत्महत्या क्यों की इसका खुलासा नहीं हो पाया है, पुलिस जांच कर रही है।
दूसरी ओर विकासखंड चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) डॉ. एन के जैन ने संवाददाताओं को बताया कि आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के परिजनों ने वाहन के लिए कोई सूचना नहीं दी। वाहन भेजने के नियम हैं, गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवार को नि:शुल्क वाहन भेजने का प्रावधान है, वहीं अन्य लोगों से सात रुपये किलोमीटर की दर से किराया लिया जाता है।
आईएएनएस
पृथ्वीपुर थाने के बरगोला खिरक निवासी धनीराम के पिता मिटठू कुशवाहा ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि उनकी डेढ़ एकड़ जमीन है, जिसमें सूखे के कारण खेती नहीं हो पाई। बेरोजगार होने की वजह से धनीराम काफी परेशान था। वह दिल्ली जाने को कह रहा था। जब उसके लिए जीवन जीने का कोई रास्ता नहीं बचा तो उसने यह कदम उठा लिया।
ग्रामीणों के मुताबिक, पेड़ से लटककर आत्महत्या करने के बाद धनीराम के शव को पोस्टमार्टम के लिए पृथ्वीपुर ले जाना था, लेकिन वाहन का इंतजाम न होने पर उसके शव को खटोली पर ही ले जाने का फैसला किया गया। शव को खटोली पर रखकर लगभग दो किलोमीटर दूर स्वास्थ्य केंद्र तक ले जाया गया।
पृथ्वीपुर के अनुविभागीय अधिकारी, पुलिस (एसडीओ, पी) एल एस मिश्रा ने आईएएनएस से कहा कि आत्महत्या करने वाला किसान नहीं था, बल्कि किसान का बेटा था, उसने आत्महत्या क्यों की इसका खुलासा नहीं हो पाया है, पुलिस जांच कर रही है।
दूसरी ओर विकासखंड चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) डॉ. एन के जैन ने संवाददाताओं को बताया कि आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के परिजनों ने वाहन के लिए कोई सूचना नहीं दी। वाहन भेजने के नियम हैं, गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवार को नि:शुल्क वाहन भेजने का प्रावधान है, वहीं अन्य लोगों से सात रुपये किलोमीटर की दर से किराया लिया जाता है।
आईएएनएस
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