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भाजपा ने कांग्रेस के गढ़ अमेठी पर गड़ाईं आंखें, 2014 में फीकी रही मोदी लहर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में
कांग्रेस को अमेठी और रायबरेली तक समेटने के बाद भी भाजपा का मिशन जारी
है। कांग्रेस के गढ़ और राहुल गांधी की संसदीय सीट अमेठी में भी भाजपा ने
अपनी नजर गड़ा रखी है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में 'मोदी लहर' के बावजूद
राहुल जीते थे। जीत का अंतर हालांकि एक लाख के आसपास पहुंच गया था और 2009
की तुलना में उनके वोट 25.14 फीसद कम हो गए थे। ऐसे में 2019 का चुनाव
कांटे के रहने के आसार हैं।
अमेठी के राजनीतिक विश्लेषक तारकेश्वर की मानें तो राहुल से जनता नाराज है। इसकी बड़ी वजह राहुल की अमेठी में कम सक्रियता है और स्मृति ईरानी किसी न किसी बहाने लगातार सक्रिय हैं। राहुल का गांधी परिवार से होना हालांकि उनके लिए मुफीद है। ऐसे में इन वोटों को जोड़ना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है।
अमेठी के राजनीतिक विश्लेषक तारकेश्वर की मानें तो राहुल से जनता नाराज है। इसकी बड़ी वजह राहुल की अमेठी में कम सक्रियता है और स्मृति ईरानी किसी न किसी बहाने लगातार सक्रिय हैं। राहुल का गांधी परिवार से होना हालांकि उनके लिए मुफीद है। ऐसे में इन वोटों को जोड़ना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है।
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