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BJP कार्यालय को भूमि आबंटन केस में यथास्थिति के आदेश, अगली सुनवाई 18 को
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश संदीप मेहता ने सिरोही में भाजपा के कार्यालय के लिए आवंटित भूमि के मामले में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष, कलेक्टर सिरोही, आयुक्त नगर परिषद, स्वायत शासन विभाग के सचिव, सार्वजनिक निर्माण विभाग के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। कोर्ट ने इस मामले में यथास्थिति बनाए रखने के भी आदेश दिए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 18 मई को होगी।
सिरोही नगर परिषद में कांग्रेस पार्षद दल के नेता ईश्वरसिंह की ओर से अधिवक्ता संदीप शाह ने याचिका दायर कर कोर्ट को बताया, कि भाजपा के सिरोही जिलाध्यक्ष ने 6 फरवरी 2016 को जिला कलेक्टर को पत्र देकर आग्रह किया कि सभी जिलों में उनके कार्यालय हैं, लेकिन सिरोही में नहीं है। कलेक्टर ने 25 फरवरी 2016 को इस मामले में कार्यवाही के लिए सिरोही तहसीलदार को भेजा। भाजपा जिलाध्यक्ष ने 11 अप्रैल 2016 को सिरोही नगर परिषद के आयुक्त को पत्र देकर खसरा नंबर 2709 में रकबा 0.28 हैक्टेयर भूमि उन्हें आवंटित करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने का आग्रह किया।
अधिवक्ता ने कहा कि तहसीलदार ने कलेक्टर को 12 अप्रैल 2016 को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा कि खसरा 2709 रकबा 0.28 हैक्टेयर भूमि अंबेडकर सर्किल पर स्थित है और उस पर सार्वजनिक निर्माण विभाग ने चारदीवारी बना अपना दरवाजा लगा रखा है। इसमें सार्वजनिक निर्माण विभाग के खाली ड्रम भी पड़े हैं। इस बीच राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव ने 11 मई 2016 को सिरोही कलेक्टर को पत्र भेजकर भूमि का आवंटन भाजपा को करने का आग्रह किया। इसमें 8 दिसंबर 2010 के अधिसूचना को आधार बनाने के निर्देश दिए गए, जबकि उक्त अधिसूचना सिर्फ स्थानीय निकायों को राजस्व विभाग द्वारा आवंटित की जाने वाली भूमि की कीमत के संबंध में है।
कलेक्टर द्वारा सार्वजनिक निर्माण विभाग से 20 जून 2016 को भूमि के संबंध में अनापत्ति प्रमाण पत्र अथवा तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई। सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता ने 23 जून 2016 को कलेक्टर को भेजी रिपोर्ट में कहा कि खसरा 2709 पर अधीक्षण अभियंता कार्यालय एवं गुण नियंत्रण विभाग का भवन बनाना प्रस्तावित है।
इस बीच सार्वजनिक निर्माण विभाग के उपसचिव ने भाजपा कार्यालय के आवंटन के लिए भूमि कलेक्टर को सौंपे जाने का पत्र 29 जुलाई 2016 को भेज दिया। सार्वजनिक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता ने 8 अगस्त 2016 को सिरोही कलेक्टर को पत्र भेजकर सार्वजनिक निर्माण विभाग से इस भूमि का कब्जा लेने के लिए अधिकारी नियुक्त करने का आग्रह किया।
तहसीलदार सिरोही ने 29 सितंबर 2016 को उक्त भूमि का कब्जा प्राप्त कर लिया। अधिवक्ता ने कोर्ट से 14 जुलाई 2017, 18 अक्टूबर 2017 व 2 नवंबर 2017 के आदेश निरस्त करने का आग्रह किया। भूमि की बाजार कीमत 50 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है, इससे किसी तरह का कोई जनहित नहीं हो रहा है। भूमि का उपयोग गत 57 साल से सार्वजनिक निर्माण विभाग कर रहा था और इस भूमि की उन्हें आवश्यकता थी।
सिरोही नगर परिषद में कांग्रेस पार्षद दल के नेता ईश्वरसिंह की ओर से अधिवक्ता संदीप शाह ने याचिका दायर कर कोर्ट को बताया, कि भाजपा के सिरोही जिलाध्यक्ष ने 6 फरवरी 2016 को जिला कलेक्टर को पत्र देकर आग्रह किया कि सभी जिलों में उनके कार्यालय हैं, लेकिन सिरोही में नहीं है। कलेक्टर ने 25 फरवरी 2016 को इस मामले में कार्यवाही के लिए सिरोही तहसीलदार को भेजा। भाजपा जिलाध्यक्ष ने 11 अप्रैल 2016 को सिरोही नगर परिषद के आयुक्त को पत्र देकर खसरा नंबर 2709 में रकबा 0.28 हैक्टेयर भूमि उन्हें आवंटित करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने का आग्रह किया।
अधिवक्ता ने कहा कि तहसीलदार ने कलेक्टर को 12 अप्रैल 2016 को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा कि खसरा 2709 रकबा 0.28 हैक्टेयर भूमि अंबेडकर सर्किल पर स्थित है और उस पर सार्वजनिक निर्माण विभाग ने चारदीवारी बना अपना दरवाजा लगा रखा है। इसमें सार्वजनिक निर्माण विभाग के खाली ड्रम भी पड़े हैं। इस बीच राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव ने 11 मई 2016 को सिरोही कलेक्टर को पत्र भेजकर भूमि का आवंटन भाजपा को करने का आग्रह किया। इसमें 8 दिसंबर 2010 के अधिसूचना को आधार बनाने के निर्देश दिए गए, जबकि उक्त अधिसूचना सिर्फ स्थानीय निकायों को राजस्व विभाग द्वारा आवंटित की जाने वाली भूमि की कीमत के संबंध में है।
कलेक्टर द्वारा सार्वजनिक निर्माण विभाग से 20 जून 2016 को भूमि के संबंध में अनापत्ति प्रमाण पत्र अथवा तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई। सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता ने 23 जून 2016 को कलेक्टर को भेजी रिपोर्ट में कहा कि खसरा 2709 पर अधीक्षण अभियंता कार्यालय एवं गुण नियंत्रण विभाग का भवन बनाना प्रस्तावित है।
इस बीच सार्वजनिक निर्माण विभाग के उपसचिव ने भाजपा कार्यालय के आवंटन के लिए भूमि कलेक्टर को सौंपे जाने का पत्र 29 जुलाई 2016 को भेज दिया। सार्वजनिक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता ने 8 अगस्त 2016 को सिरोही कलेक्टर को पत्र भेजकर सार्वजनिक निर्माण विभाग से इस भूमि का कब्जा लेने के लिए अधिकारी नियुक्त करने का आग्रह किया।
तहसीलदार सिरोही ने 29 सितंबर 2016 को उक्त भूमि का कब्जा प्राप्त कर लिया। अधिवक्ता ने कोर्ट से 14 जुलाई 2017, 18 अक्टूबर 2017 व 2 नवंबर 2017 के आदेश निरस्त करने का आग्रह किया। भूमि की बाजार कीमत 50 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है, इससे किसी तरह का कोई जनहित नहीं हो रहा है। भूमि का उपयोग गत 57 साल से सार्वजनिक निर्माण विभाग कर रहा था और इस भूमि की उन्हें आवश्यकता थी।
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