Shiromani Akali Dal leaders take political stunts-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Mar 29, 2024 8:54 pm
Location
Advertisement

शिरोमणि अकाली दल के नेताओं का धरना राजनीतिक स्टंट

khaskhabar.com : गुरुवार, 15 नवम्बर 2018 8:07 PM (IST)
शिरोमणि अकाली दल के नेताओं  का धरना राजनीतिक स्टंट
चंडीगढ़ । पंजाब के सामाजिक न्याय, सशक्तिकरण और अल्पसंख्यक मंत्री स. साधु सिंह धर्मसोत ने कहा है कि अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को मिलती पोस्ट-मैट्रिक स्कॅालरशिप के मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल के नेताओं का धरना सरासर राजनीतिक स्टंट है।

शिरोमणि अकाली दल के नेताओं द्वारा बीते दिन जालंधर में लगाऐ गए धरने संबंधी स. धर्मसोत ने कहा कि जिन लोगों की प्रशासनिक लापरवाही के कारण पोस्ट-मैट्रिक स्कॅालरशिप में घपले हुए हैं, वही अब दलित समर्थकी होने का ढोंग रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार की नाकामियों को उजागर करने के लिए कैप्टन सरकार ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान जारी की स्कॅालरशिप राशि का ऑडिट कराने का फ़ैसला किया था। उन्होंने बताया कि प्राईवेट शिक्षा संस्थाओं के पोस्ट-मैट्रिक स्कॅालरशिप संबंधी किये जा रहे ऑडिट में अब तक 460 करोड़ रुपए की राशि ऐतराजय़ोग्य पाई गई है। उन्होंने अकाली नेताओं द्वारा स्कॅालरशिप की राशि जारी न करने के दावों को रद्द करते हुए कहा कि राज्य की मौजूदा कांग्रेस सरकार द्वारा पिछले लगभग दो सालों के दौरान 203 करोड़ रुपए की पोस्ट-मैट्रिक स्कॅालरशिप की राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि स्कॅालरशिप राशि के वर्ष 2016 -2017 की 719.52 करोड़, वर्ष 2017 -2018 की 567.55 करोड़ और वर्ष 2018 -2019 की 376.40 करोड़ रुपए केंद्र सरकार की तरफ बकाया हैं। यह कुल राशि 1663.47 करोड़ रुपए बनती है।

स. धर्मसोत ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा पोस्ट-मैट्रिक स्कॅालरशिप फॅार एस.सी कीे वर्ष 2015 -2016 की 327.39 करोड़ रुपए की राशि जुलाई 2018 में जारी की गई है। उन्होंने बताया कि राज्य में कुल शिक्षा संस्थाएं 3606 हैं, जिनमें से 2059 संस्थाओं की पोस्ट-मैट्रिक स्कॅालरशिप संबंधी ऑडिट रिपोर्टें प्राप्त हो चुकी हैं। इन 1898 संस्थाओं में से 920 संस्थाओं को फिलहाल भुगतान नहीं किया जा सकता क्योंकि ऑडिट पार्टी ने इनके दावों के भुगतान पर ऐतराज़ दर्ज करवाया है। उन्होंने बताया कि बाकी बचती 978 शिक्षा संस्थाओं को 88 करोड़ रुपए की राशि का पोस्ट-मैट्रिक स्कॅालरशिप के अंतर्गत भुगतान कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि तकनीकी शिक्षा विभाग की 302 संस्थाओं को 171 करोड़ रुपए की अदायगी को मंजूरी दे दी गई है और इस संबंधी बिल खज़़ाना दफ़्तर में जमा करवाए जा रहे हैं।

स. धर्मसोत ने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2017 -2018 में 115.73 करोड़ रुपए की राशि जारी की थी जो कि 2000 के लगभग सरकारी और प्राईवेट संस्थाओं के 3 लाख 94 हज़ार विद्यार्थियों की स्कॅालरशिप फ़ीसों के लिए शिक्षा संस्थाओं को जारी करके प्रयोग सर्टिफिकेट केंद्र सरकार को भेज दिए गए थे। उन्होंने कहा कि यदि पिछली सरकार ने अपने कार्यकाल के समय सौहार्द दिखाया होता तो आज दलित विद्यार्थियों को परेशान न होना पड़ता। उन्होंने कहा कि अकाली नेताओं को यह धरना लगाने का कोई हक नहीं है क्योंकि उनके कार्यकाल के वर्ष 2014 -2015, 2015 -2016 और 2016 -2017 की बकाया राशि मौजूदा सरकार द्वारा जारी की गई है।

स. धर्मसोत ने स्पष्ट करते हुए कहा कि पोस्ट- मैट्रिक स्कॅालरशिप संबंधी फ़ीसों के लेने /देने की हिदायतें केंद्र सरकार द्वारा ही जारी की जाती हैं, जिनके अनुसार राज्य सरकार और विभिन्न शिक्षा संस्थाओं ने कार्य करना होता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों का आमदन सर्टिफिकेट केंद्र सरकार द्वारा जारी नयी हिदायतों के अनुसार ही मांगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिदायतों के अनुसार ही मैनेजमेंट कोटा ख़त्म किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार अब स्कॅालरशिप की राशि शिक्षा संस्थाओं को नहीं बल्कि विद्यार्थियों के खातों में डाली जायेगी। उन्होंने बताया कि जारी हिदायतों के अनुसार जिस संस्था के स्कॅालरशिप हासिल करने वाले 50 प्रतिशत एस.सी विद्यार्थी पास होंगे, उसी संस्था में पढ़ रहे विद्यार्थी ही स्कॅालरशिप का लाभ लेने के योग्य होंगे।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar Punjab Facebook Page:
Advertisement
Advertisement