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आदिकाल से ऋषि-मुनियों की तपोस्थली रहा है कुल्लू : राज्यपाल
शिमला। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने मंगलवार को राजभवन में कुल्लू स्टूडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्मारिका ‘शोभला कुलूत’ के दूसरे संस्करण का विमोचन किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि कुल्लू आदिकाल से ऋषि-मुनियों की तपोस्थली रहा है तथा वर्तमान में अपनी समृद्ध संस्कृति और अलौकिक प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। एसोसिएशन के सदस्यों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय संगठनों के माध्यम से जहां अपनी समृद्ध संस्कृति, उच्च परंपराओं और रीति-रिवाजों का संरक्षण व प्रचार-प्रसार सुनिश्चित होता है वहीं एक सशक्त मंच भी उपलब्ध होता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि एसोसिएशन के सभी सदस्य कुल्लू की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण में इसी समर्पण के साथ कार्य करते रहेंगे। इस मौके पर राज्यपाल के सलाहकार डॉ. शशिकांत शर्मा भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि कुल्लू आदिकाल से ऋषि-मुनियों की तपोस्थली रहा है तथा वर्तमान में अपनी समृद्ध संस्कृति और अलौकिक प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। एसोसिएशन के सदस्यों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय संगठनों के माध्यम से जहां अपनी समृद्ध संस्कृति, उच्च परंपराओं और रीति-रिवाजों का संरक्षण व प्रचार-प्रसार सुनिश्चित होता है वहीं एक सशक्त मंच भी उपलब्ध होता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि एसोसिएशन के सभी सदस्य कुल्लू की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण में इसी समर्पण के साथ कार्य करते रहेंगे। इस मौके पर राज्यपाल के सलाहकार डॉ. शशिकांत शर्मा भी उपस्थित थे।
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