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नहीं रहे अमेरिकी सीनेटर व वियतनाम युद्ध के नायक जॉन मैक्केन
वाशिंगटन| अमेरिकी सीनेटर व वियतनाम युद्ध के नायक जॉन मैक्केन का 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है।
मैक्केन का शनिवार को शाम 4.28 बजे निधन हो गया। मैक्केन के कार्यालय ने रविवार को इसकी जानकारी दी। मैक्केन का जन्म 29 अगस्त, 1936 को पनामा कैनाल जोन में हुआ था। वह जुलाई 2017 से ब्रेन ट्यूमर का इलाज करा रहे थे। मैक्केन के परिवार ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि वह चिकित्सकीय इलाज बंद कर रहे हैं। वाशिंगटन
पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, सीनेट में तीन दशक से एरिजोना का
प्रतिनिधित्व करने के दौरान वह दो बार राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़े, जिसमें
वह विफल रहे। वह जॉर्ज डब्ल्यू बुश से प्राथमिक चुनाव प्रचार अभियान में हार गए।
छह बार सीनेटर रहे मैक्केन को 2008 में रिपब्लिकन पार्टी ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया था। मैक्केन 2008 के राष्ट्रपति चुनाव में ओबामा से राष्ट्रपति की उम्मीदवारी में हार गए थे। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, मैक्केन ने दिसंबर 2017 से वाशिंगटन छोड़ दिया था। उनके जाने से सीनेट के गलियारों व टेलीविजन स्टूडियो में एक खालीपन पैदा हो गया था। इन जगहों पर वे दशकों तक बने रहे। हाल के महीनों में वह पूरी तरह से शांत नहीं थे, उन्होंने अपने ट्वीट व बयानों से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हमला किया। यह दिखाता है कि बीमार होने बावजूद भी उनकी राजनीतिक इच्छाशक्ति खत्म नहीं हुई थी।
मैक्केन ने बार-बार यह स्पष्ट कर दिया कि वह ट्रंप और उनकी 'अमेरिका प्रथम' की विचारधारा को वैश्विक नेतृत्व के मूल्यों और परंपराओं से भटकाव के तौर पर देखते हैं। मैक्केन की ट्रंप से सबसे नाटकीय अलगाव उनके 19 जुलाई 2017 को मस्तिष्क कैंसर के घोषणा के नौ दिन बाद हुई। मैक्केन सर्जरी के बाद सीनेट कक्ष लौटे थे और उन्होंने एफोर्डेबल केयर एक्ट के जगह रिपब्लिकन योजना को लाने को विफल कर दिया।
अपने अंतिम सार्वजनिक कार्यों में उन्होंने ट्रंप की जुलाई में पुतिन के साथ शिखर सम्मेलन पर जमकर बरसे। मैक्केन ने इस सम्मेलन में ट्रंप के प्रदर्शन को अपनी स्मृति में अमेरिकी राष्ट्रपति के सबसे अपमानजनक प्रदर्शनों में एक बताया था। मैक्केन के पारिवारिक मित्रों ने कहा कि मैक्केन ने बीते साल अपने अंतिम संस्कार की योजना तैयार कर ली थी और उनके परिवार ने कहा कि ट्रंप को आमंत्रण नहीं दिया गया है।
(IANS)
छह बार सीनेटर रहे मैक्केन को 2008 में रिपब्लिकन पार्टी ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया था। मैक्केन 2008 के राष्ट्रपति चुनाव में ओबामा से राष्ट्रपति की उम्मीदवारी में हार गए थे। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, मैक्केन ने दिसंबर 2017 से वाशिंगटन छोड़ दिया था। उनके जाने से सीनेट के गलियारों व टेलीविजन स्टूडियो में एक खालीपन पैदा हो गया था। इन जगहों पर वे दशकों तक बने रहे। हाल के महीनों में वह पूरी तरह से शांत नहीं थे, उन्होंने अपने ट्वीट व बयानों से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हमला किया। यह दिखाता है कि बीमार होने बावजूद भी उनकी राजनीतिक इच्छाशक्ति खत्म नहीं हुई थी।
मैक्केन ने बार-बार यह स्पष्ट कर दिया कि वह ट्रंप और उनकी 'अमेरिका प्रथम' की विचारधारा को वैश्विक नेतृत्व के मूल्यों और परंपराओं से भटकाव के तौर पर देखते हैं। मैक्केन की ट्रंप से सबसे नाटकीय अलगाव उनके 19 जुलाई 2017 को मस्तिष्क कैंसर के घोषणा के नौ दिन बाद हुई। मैक्केन सर्जरी के बाद सीनेट कक्ष लौटे थे और उन्होंने एफोर्डेबल केयर एक्ट के जगह रिपब्लिकन योजना को लाने को विफल कर दिया।
अपने अंतिम सार्वजनिक कार्यों में उन्होंने ट्रंप की जुलाई में पुतिन के साथ शिखर सम्मेलन पर जमकर बरसे। मैक्केन ने इस सम्मेलन में ट्रंप के प्रदर्शन को अपनी स्मृति में अमेरिकी राष्ट्रपति के सबसे अपमानजनक प्रदर्शनों में एक बताया था। मैक्केन के पारिवारिक मित्रों ने कहा कि मैक्केन ने बीते साल अपने अंतिम संस्कार की योजना तैयार कर ली थी और उनके परिवार ने कहा कि ट्रंप को आमंत्रण नहीं दिया गया है।
(IANS)
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