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चूरू में एक माह में नाबालिग बालिकाओं की खरीद-फरोख्त का दूसरा केस
चूरू। जिले में मानव तस्करी के मामलों पर अंकुश लगाने में पुलिस और प्रशासन नाकाम साबित हो रहे हैं। एक महीने में ही असम की नाबालिग बालिकाओं की खरीद फरोख्त का अब दूसरा मामला सामने आया है। चाइल्ड हैल्प लाइन ने कार्यवाही करते हुए असम की 16 साल की बालिका को चूरू जिले से बरामद किया है। बालिका को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया, जहां बालिका ने आपबीती समिति अध्यक्ष को बताई। समिति ने बालिका की काउन्सलिंग के बाद राजकीय भरतिया अस्पताल में मेडिकल बोर्ड से मेडिकल करवाकर बालिका को बालिका आश्रय भिजवाया है।
जो उम्र इस बालिका के खेलने-पढ़ने की थी, उस उम्र में अपनो ने ही बालिका का सौदा करते हुए उसके हाथों में मेहंदी रचवा दी। इस बालिका को जिसका नाम तक नहीं मालूम उसके साथ ब्याह रचवा दिया गया। अपनी उम्र से तकरीबन तीन गुना उम्र के चूरू जिले के शख्स से असम में बालिका का बाल विवाह करवा दिया गया और उसे चूरू जिले के एक गांव भेज दिया गया, जहां बालिका को पांच-छह दिनों तक उसका यौन शोषण किया गया।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कैलाश शर्मा ने बताया कि बालिका का राजकीय डीबी अस्पताल से मेडिकल करवाया गया है और अभी बालिका आश्रय गृह भिजवाया गया है। अभी मामले को लेकर पुलिस तफ्तीश में जुटी हुई है।
जो उम्र इस बालिका के खेलने-पढ़ने की थी, उस उम्र में अपनो ने ही बालिका का सौदा करते हुए उसके हाथों में मेहंदी रचवा दी। इस बालिका को जिसका नाम तक नहीं मालूम उसके साथ ब्याह रचवा दिया गया। अपनी उम्र से तकरीबन तीन गुना उम्र के चूरू जिले के शख्स से असम में बालिका का बाल विवाह करवा दिया गया और उसे चूरू जिले के एक गांव भेज दिया गया, जहां बालिका को पांच-छह दिनों तक उसका यौन शोषण किया गया।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कैलाश शर्मा ने बताया कि बालिका का राजकीय डीबी अस्पताल से मेडिकल करवाया गया है और अभी बालिका आश्रय गृह भिजवाया गया है। अभी मामले को लेकर पुलिस तफ्तीश में जुटी हुई है।
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