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झारखंड : करारी हार से कराहती भाजपा को मजबूत 'खेवनहार' की तलाश
सूत्रों का कहना है कि अगर झाविमो का भाजपा
में विलय होता है और झाविमो के बाबूलाल मरांडी अगर विधायक दल का नेता बनते
हैं तो भाजपा की अध्यक्ष के दौड़ में अनंत ओझा और सुनील सिंह काफी आगे हैं।
हालांकि सुनील सिंह को लेकर कुछ विरोध के भी स्वर उठ रहे हैं। इसके अलावा
समीर उरांव भी इस दौड़ में आगे चल रहे हैं। वहीं, पूर्व मंत्री रवींद्र राय
और दीपक प्रकाश भी इस शीर्ष पद को लेकर जोड़तोड़ में जुटे हुए हैं।
इस बीच, भाजपा के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि खरमास के बाद स्थिति बहुत हद तक स्पष्ट हो जाएगी। उन्होंने कहा कि खरमास समाप्त होने के बाद झाविमो के विलय को लेकर भी स्थिति स्पष्ट होगी। वैसे बहुत हद तक बाबूलाल मरांडी के निर्णय पर सबकुछ निर्भर करेगा।
वैसे सूत्र यह भी मानते हैं कि पार्टी से जुड़े कुछ बेहद समर्पित लोगों को भी यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। वैसे, भाजपा नेतृत्व इस मामले में पूरी तरह सतर्क है।
बहरहाल, सूत्रों का कहना है कि इस बार अध्यक्ष की यह जिम्मेदारी ऐसे किसी व्यक्ति को दी जा सकती है, जिसके नाम पर किसी प्रकार का विवाद नहीं हो और ना ही पार्टी में किसी प्रकार की गुटबंदी की शुरुआत हो।
(आईएएनएस)
इस बीच, भाजपा के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि खरमास के बाद स्थिति बहुत हद तक स्पष्ट हो जाएगी। उन्होंने कहा कि खरमास समाप्त होने के बाद झाविमो के विलय को लेकर भी स्थिति स्पष्ट होगी। वैसे बहुत हद तक बाबूलाल मरांडी के निर्णय पर सबकुछ निर्भर करेगा।
वैसे सूत्र यह भी मानते हैं कि पार्टी से जुड़े कुछ बेहद समर्पित लोगों को भी यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। वैसे, भाजपा नेतृत्व इस मामले में पूरी तरह सतर्क है।
बहरहाल, सूत्रों का कहना है कि इस बार अध्यक्ष की यह जिम्मेदारी ऐसे किसी व्यक्ति को दी जा सकती है, जिसके नाम पर किसी प्रकार का विवाद नहीं हो और ना ही पार्टी में किसी प्रकार की गुटबंदी की शुरुआत हो।
(आईएएनएस)
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