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फिर याद आए सरबजीत सिंह, कुलभूषण जाधव से मिलता-जुलता था मामला

khaskhabar.com : बुधवार, 17 जुलाई 2019 7:23 PM (IST)
फिर याद आए सरबजीत सिंह, कुलभूषण जाधव से मिलता-जुलता था मामला
नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) के मामले में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने फैसला सुनाया। जाधव पहले भारतीय नागरिक नहीं हैं जिनको जासूस और आतंकवादी बताते हुए पाकिस्तान में मौत की सजा सुनाई गई। उनसे पहले पंजाब के किसान सरबजीत (Sarabjit Singh) को भी पाकिस्तान में आतंकवाद के झूठे आरोपों में फंसा दिया गया था।

वे अनजाने में 30 अगस्त 1990 को सीमापार पाकिस्तानी इलाके में चले गए थे। सरबजीत पर लाहौर और फैसलाबाद में बम विस्फोट करने का आरोप लगाया गया और इस आरोप में पाकिस्तान की स्थानीय अदालत ने उन्हें 1991 में मौत की सजा सुना दी। इसके बाद ऊंची अदालतों में उनकी सजा को बरकरार रखा गया। यहां तक कि पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने भी उनकी सजा बरकरार रखी।

उनको अपना जुर्म कबूल करने के लिए यातनाएं दी गईं जबकि बम विस्फोट के संबंध में उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं था। हालांकि क्षमा याचिका दाखिल किए जाने पर उनकी मौत की सजा बार-बार टलती रही। वहीं, भारत उनको मुक्त करने की बार-बार मांग करता रहा।

भारत इस रुख पर कायम रहा कि वह कोई जासूस नहीं था। सरबजीत का पाकिस्तान में पकड़ा जाना और उनको मौत की सजा सुनाए जाने का मामला वैसा ही था जैसाकि जाधव का मौजूदा मामला है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने जाधव को ईरान से अगवा करके उनके जासूस और आतंकवादी होने का आरोप लगाया है।

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