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पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप की राशि में घपले की खबरों में कोई सच्चाई नहीं: धर्मसोत
चंडीगढ़। पंजाब के सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मंत्री स. साधु सिंह धर्मसोत ने शैक्षिक संस्थाओं को दी जाने वाली पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप की राशि में घपले की खबरें रद्द करते हुए कहा है कि इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है।
स. धर्मसोत ने मंगलवार को मीडिया में आईं खबरों सम्बन्धी स्पष्ट करते हुए कहा कि पिछली अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप सम्बन्धी कई तरह की अनियमितताएं सामने आईं थीं। उन्होंने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सितम्बर 2017 में पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप का वित्त विभाग की टीमों द्वारा ऑडिट करवाने का फ़ैसला किया था। उन्होंने बताया कि यह ऑडिट वित्त विभाग की तरफ से पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के 2010 की हिदायतों /मापदण्डों के अंतर्गत किया जा रहा है।
स. धर्मसोत ने बताया कि यह ऑडिट /रिव्यू अभी प्रक्रिया अधीन है और जैसे-जैसे किसी शैक्षिक संस्था के ऑडिट /रिव्यू की रिपोर्ट विभाग को प्राप्त होती जा रही है, उसके अनुसार अदायगी भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि मीडिया में आईं खबरों में कोई सच्चाई नहीं है कि शैक्षिक संस्थाओं को रिक्वरी के लिए पत्र जारी किए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि अभी ऑडिट /रिव्यू 100 प्रतिशत मुकम्मल नहीं हुआ, बल्कि प्रक्रिया अधीन है। उन्होंने बताया कि राज्य की लगभग 3600 शैक्षिक संस्थाओं के द्वारा लाखों गऱीब अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप का लाभ दिया जा रहा है।
स. धर्मसोत ने मंगलवार को मीडिया में आईं खबरों सम्बन्धी स्पष्ट करते हुए कहा कि पिछली अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप सम्बन्धी कई तरह की अनियमितताएं सामने आईं थीं। उन्होंने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सितम्बर 2017 में पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप का वित्त विभाग की टीमों द्वारा ऑडिट करवाने का फ़ैसला किया था। उन्होंने बताया कि यह ऑडिट वित्त विभाग की तरफ से पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के 2010 की हिदायतों /मापदण्डों के अंतर्गत किया जा रहा है।
स. धर्मसोत ने बताया कि यह ऑडिट /रिव्यू अभी प्रक्रिया अधीन है और जैसे-जैसे किसी शैक्षिक संस्था के ऑडिट /रिव्यू की रिपोर्ट विभाग को प्राप्त होती जा रही है, उसके अनुसार अदायगी भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि मीडिया में आईं खबरों में कोई सच्चाई नहीं है कि शैक्षिक संस्थाओं को रिक्वरी के लिए पत्र जारी किए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि अभी ऑडिट /रिव्यू 100 प्रतिशत मुकम्मल नहीं हुआ, बल्कि प्रक्रिया अधीन है। उन्होंने बताया कि राज्य की लगभग 3600 शैक्षिक संस्थाओं के द्वारा लाखों गऱीब अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप का लाभ दिया जा रहा है।
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