Sachin Pilot was bargaining to bring down the government, I have proof: Chief Minister Ashok Gehlot-m.khaskhabar.com
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सरकार गिराने को उपमुख्यमंत्री भाजपा के साथ डील कर रहे थे, सबूत है- गहलोत

khaskhabar.com : बुधवार, 15 जुलाई 2020 8:40 PM (IST)
सरकार गिराने को उपमुख्यमंत्री भाजपा के साथ डील कर रहे थे, सबूत है- गहलोत
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट का नाम लिए बगैर बुधवार को कहा कि उपमुख्यमंत्री सरकार गिराने के लिए खुद एक सौदे में लगे हुए थे और उनके पास इसके सबूत हैं। गहलोत के खिलाफ बागी तेवर के कारम सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त किया जा चुका है।

गहलोत ने पायलट का नाम लिए बिना सीधा हमला करते हुए कहा कि धाराप्रवाह अंग्रेजी बोल लेने, मीडिया के सामने अच्छे से बोल लेने, बयानबाजी कर लेने, और एक सुंदर व्यक्तित्व होना सब कुछ नहीं होता। बल्कि, मायने ये रखता है कि राष्ट्र के लिए आपके दिल में क्या है, देश के लिए आपकी प्रतिबद्धता क्या है और अपनी पार्टी के लिए आपकी विचारधारा और नीतियां क्या हैं। उन्होंने कहा, "सोने की छुरी पेट में खाने के लिए नहीं होती।"

गहलोत ने कहा कि पीसीसी प्रमुख भाजपा के साथ बात कर रहे थे और देर रात 2 बजे सौदा हुआ और एक मौद्रिक लेनदेन किया गया था। उन्होंने मोदी सरकार पर पूरे साजिश में शामिल होने का भी आरोप लगाया।

गहलोत ने कहा, "हमारी पार्टी के कुछ सदस्य अति महत्वाकांक्षी हो गए और भाजपा के साथ हाथ मिला लिया। वास्तव में, हमारे पीसीसी प्रमुख और उपमुख्यमंत्री खुद इस सौदे में शामिल थे। हमारे पास सबूत हैं, वे देर रात 2 बजे बात कर रहे थे। हमें सूचित किया गया कि हमारी सरकार को गिराने के लिए एक सौदा किया जा रहा है। मेरे पास उसी के खिलाफ सबूत हैं और उन लोगों के नाम हैं, जिन्होंने पैसे लेने से इनकार कर दिया था।"

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लोकतंत्र को 70 साल तक जिंदा रखा, हालांकि, मौजूदा सरकार लोकतंत्र को खत्म के लिए पूरी तरह से तैयार है।

राजस्थान के सीएम ने राजस्थान में ईडी और आईटी द्वारा की गई छापेमारी को लेकर केंद्र सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाया और कहा कि सरकार ऐसी एजेंसियों का दुरुपयोग करके लोगों को आतंकित क्यों कर रही है। उन्होंने सवाल किया कि लोकतंत्र कहां है।

गहलोत ने कहा कि हम 40 से अधिक वर्षों तक कड़ी मेहनत करने के बाद भी जीवित हैं। हालांकि, नई पीढ़ी ने बहुत संघर्ष नहीं किया है। उन्हें लगता है कि हम उन्हें पसंद नहीं करते हैं, लेकिन सोनिया गांधी उन्हें पसंद करती हैं, राहुल गांधी उन्हें पसंद करते हैं और अशोक गहलोत भी उन्हें पसंद करते हैं।

उन्होंने कहा कि "हमारे समय में, हमारे पास आईटी और मोबाइल नहीं थे, हालांकि, आज नेताओं के पास नवीनतम तकनीक उपलब्ध है और इसलिए वे कड़ी मेहनत कर सकते हैं और राष्ट्र के विकास के लिए अच्छे से काम कर सकते हैं।"

--आईएएनएस

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